बिना चर्चा, 6 मिनट में 4 बिल पारित

जयपुर.पाले और शीतलहर से बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा में सोमवार को प्रश्नकाल के बाद पूरे दिन हंगामा हुआ। पूरा शून्यकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने नारेबाजी की और धरना दिया। सदन की कार्रवाई एक घंटे रोकनी पड़ी। इस बीच बिना चर्चा के 6 मिनट में अभियांत्रिकी और प्रबंधन विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक, गीतांजली विश्वविद्यालय, उदयपुर विधेयक, और महाराज विनायक ग्लोबल विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक 2012 तथा विनियोग विधेयक पारित कर दिया गया।

विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष को भी नहीं बोलने दिया

शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे ने मुआवजे पर सरकार से वक्तव्य की मांग उठाई। पौने घंटे तक हंगामा और नारेबाजी चलती रही। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। वसुंधरा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री ने 28 फरवरी को इस मुद्दे पर वक्तव्या का आश्वासन दिया था। चूंकि अब सदन 15 से 20 दिन बाद चलेगा, इस कारण अभी मुआवजे पर फैसला होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष कुछ कहना चाहते थे। लेकिन विपक्ष ने शोर मचाना शुरू कर दिया। भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। 

करीब पौने घंटे तक नारेबाजी और हंगामे का सिलसिला चलता रहा। बीच में भाजपा के विधायकों ने रामधुनी भी शुरू कर दी। इस हंगामे और नारेबाजी के बीच सत्तापक्ष के विधायकों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई। कई मंत्री और विधायक इस बीच सदन से उठकर चले भी गए। 

क्यों हुआ हंगामा, अध्यक्ष ने जताई नाराजगी: 

पौने घंटे तक हंगामे के बाद विपक्ष की नेता ने फिर से मुआवजे पर वक्तव्य की बात को दोहराते हुए अध्यक्ष से व्यवस्था देने का आग्रह किया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि व्यवस्था देने से पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। मैं व्यवस्था देने के लिए खड़ा हुआ उस समय आपने बिना बात सुने ही हंगामा शुरू कर दिया। आपने आसन की मर्यादा का भी ख्याल नहीं रखा। 

मुआवजे की घोषणा नहीं होने पर धरने पर बैठा विपक्ष, नारेबाजी और हंगामा : 

सदन की कार्यवाही दोपहर पौने दो बजे फिर से शुरू होने के बाद थोड़ी देर शांति रही। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल सरकार की तरफ से किसानों के मुआवजे को लेकर वक्तव्य देना शुरू करते ही फिर टोकाटाकी और हंगामा शुरू हो गया। धारीवाल ने कहा कि गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र के सामने पक्ष रखा जाएगा। इसके बाद निश्चित तौर पर मुआवजा दिया जाएगा। विपक्ष तत्काल मुआवजे की घोषणा करने की मांग करता रहा। 

धारीवाल के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक वेल में धरने पर बैठ गए।यह धरना सदन की कार्यवाही तक चलता रहा। इस बीच हंगामा होता रहा। हंगामे के बीच ही उपाध्यक्ष ने विधायी कार्य निपटाने शुरू कर दिए। विनियोग विधेयक, अनुदान मांगे, अतिरेक मांगें और तीन विश्वविद्यालयों के बिल बिना किसी चर्चा के हंगामे में ही पारित कर दिए गए। विधायी कार्य निपटाने के बाद उपाध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

रिपोर्ट मिलते ही मुआवजा देंगे : धारीवाल

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा किसानों को निश्चित रूप से उचित मुआवजा दिया जाएगा। राज्य सरकार के प्रयास है, कि आपदा राहत के मानदंडों में शीतलहर और पाले को शामिल किया जाए। प्रदेश में एक फरवरी से 5 मार्च तक गिरदावरी कराई गई है जिसकी अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होते ही सरकार शीतलहर व पाला प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देगी। 

प्रदेश में जनवरी माह में शीतलहर व पाले की स्थिति बनते ही मुख्यमंत्री अचानक दिल्ली गए और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मिलकर उन्हें पत्र सौंपा था, जिसमें शीतलहर व पाले को आपदा राहत के मानदंडों में शामिल करने का आग्रह किया था। पी. चिदंबरम ने राज्य सरकार को बताया कि मंत्रियों के समूह द्वारा गठित कार्यकारी समूह ने अपनी रिपोर्ट दे दी है जिस पर मंत्रियों का समूह विचार कर रहा है।

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