मास्टर रोड: अब किसानों ने खड़ी की नई मुसीबत

फरीदाबाद.
नहरपार डेवलपमेंट की अहम कड़ी मानी जा रही मास्टर रोड का निर्माण अभी
शुरू भी नहीं हुआ है कि निर्माण कंपनी के सामने किसानों ने कड़ी चुनौती
खड़ी कर दी है।






नहरपार किसानों रविवार को बड़ौली गांव में एक पंचायत कर निर्माण कंपनी व
हुडा अधिकारियों को चेतावनी दी है कि जब तक उनको उचित मुआवजा नहीं मिल जाता
तब तक वे मास्टर रोड का निर्माण कार्य सुगमता से नहीं चलने देंगे। इससे
निर्माण कंपनी के लिए बड़ा संकट पैदा हो सकता है। उधर, निर्माण कंपनी को
मास्टर रोड के निर्माण की डेड लाइन हुडा अधिकारी दे चुके हैं।






बिल्डर, निवेशक हुए त्रस्त






नहरपार डेवलपमेंट कर रहे दर्जनभर से अधिक बिल्डर और वहां निवेश करने वाले
हजारों निवेशकों के लिए अब किसान जी का जंजाल बन गए हैं। डेवलपमेंट न होने
के कारण निवेशक बिल्डरों के खिलाफ हाईकोर्ट में जा चुके हैं और जब मास्टर
रोड का काम शुरू होने जा रहा है तो किसान चुनौती दे रहे हैं।






मास्टर रोड का काम दो साल पहले ही शुरू हो जाता लेकिन वहां किसानों ने जमीन
पर कब्जा ही नहीं दिया। एक बार फिर से हुडा अधिकारियों के लिए किसानों को
मनाना टेढ़ी खीर साबित होगा। सेक्टर-75 व 80 के तहत आने वाले गांवों के
किसान ही हुडा अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बने हैं।






मुआवजा दो, डेवलपमेंट करो






नहरपार ग्रेटर फरीदाबाद किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शिवदत्त
वशिष्ठ कहते हैं उनको अभी तक बढ़ा हुआ मुआवजा नहीं मिला है। मास्टर रोड के
निर्माण के लिए हुडा करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए तैयार है लेकिन किसानों
का मुआवजा देने में उसे पसीने छूट रहे हैं। नहरपार के किसानों की बेशकीमती
भूमि का सरकार ने मात्र 16 लाख रुपए प्रति एकड़ में अधिग्रहण कर लिया था।






उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनको उचित समय पर मुआवजा दे देती तो किसान
मुआवजे की राशि से अपने मकान व कुछ जमीन खरीद सकते थे।लेकिन कई साल बीत गए
मुआवजा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा था कि नया भूमि
अधिग्रहण बिल इसी शीतकालीन सत्र में लाएंगे लेकिन संसद ने इसको गंभीरता से
नहीं लिया।






केंद्र सरकार भी अंग्रेजों द्वारा बनाया गया काला कानून भूमि अधिग्रहण
अधिनियम-1894 द्वारा अंग्रेजों की नीति का अनुसरण कर रही है तथा किसानों का
शोषण कर रही है। किसान संघर्ष समितिमांग करती है कि नहरपार मास्टर रोड
बनाने से पहले सेक्टर-75 व 80 की अधिग्रहित जमीन का व सड़कों के बीच में आए
मकान का उचित मुआवजा मास्टर रोड से पहले दिया जाए। इस मौके पर जयप्रकाश
भाटी, मनोज यादव, रामपाल, ब्रहमदत्त, धर्म सिंह, कंवरभान, करण सिंह,
इन्द्राज सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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