रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले सात साल में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत करीब 33 हजार बेटियो की शादी की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहा बताया कि महिला व बाल विकास विभाग
द्वारा छत्तीसगढ़ में संचालित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अब तक
करीब 33 हजार बेटिया विवाह के बंधन में बंध चुकी हैं। इन बेटियों का विवाह
महिला और बाल विकास विभाग व समाज सेवी संस्थाओं और स्थानीय जनता के सहयोग
से आयोजित सामूहिक विवाह समारोहों में कराया गया है। इन समारोह में बेटियों
का विवाह उनके धार्मिक और पारंपरिक रीति-रिवाजों से संपन्न कराया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि गरीब परिवारों की विवाह योग्य बेटियों के विवाह
में होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को दूर करने और सादगीपूर्ण विवाह को
बढ़ावा देने के साथ ही दहेज के लेन-देन को रोकने के लिए राज्य शासन द्वारा
वित्तीय वर्ष 2005-06 में कन्यादान योजना संचालित की जा रही है।
महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री
कन्यादान योजना के तहत वर्ष 2005-06 में 4,535 बेटियों ने दांपत्य जीवन की
शुरुआत की। इसी प्रकार वर्ष 2006-07 में 4,595 बेटियों, 2007-08 में 5,430
बेटियों, वर्ष 2008-09 में 4,468 कन्याओं, वर्ष 2009-10 में 4,619 बेटियों,
वर्ष 2010-11 में 4,660 बेटियों और चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 में अब तक
करीब साढ़े चार हजार बेटियों का विवाह कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोहों
में समाज सेवी संस्था, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय जनता का भी सहयोग
मिलता है। गरीब परिवार की बेटियों के विवाह में होने वाली आर्थिक समस्याओं
के निराकरण, विवाह के अवसर पर होने वाली फिजूल खर्ची को रोकने, सादगीपूर्ण
विवाहों को बढ़ावा देने, सामूहिक विवाहों के आयोजनों के माध्यम से गरीब
परिवारों के आत्मसम्मान में वृद्धि और विवाहों में दहेज के लेन-देन को
रोकने के लिए राज्य में यह योजना संचालित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि योजना में गरीबी रेखा श्रेणी के परिवार की 18 वर्ष
या उससे अधिक आयु की अधिकतम दो बेटियों को 10-10 हजार रुपये तक की आर्थिक
सहायता का प्रावधान किया गया है। इसमें से साढ़े सात हजार रुपये की आर्थिक
सहायता सामग्री के रूप में दी जाती है, जो कन्या की जरूरत के अनुसार
निर्धारित की जाती है। इसके अलावा हर वैवाहिक जोड़े को पाच-पाच सौ रुपये का
ड्रॉफ्ट या चेक प्रदान किया जाता है, जबकि सामूहिक विवाह के आयोजन और
व्यवस्था में एक कन्या के लिए दो हजार रुपये तक व्यय किया जाता है। इस
प्रकार योजना में एक कन्या के विवाह में 10 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता
देने का प्रावधान है।