नई दिल्ली.
नर्सरी दाखिले में स्कूलों की ज्यादतियों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा
निदेशालय की ओर से शुरू हुई ऑनलाइन शिकायत सुविधा का इस्तेमाल अब सरकारी
स्कूलों में जारी अनियमितताओं की शिकायतों के लिए होने लगा है।
सरकारी स्कूलों में कहीं प्रिंसिपल नहीं हैं तो कहीं प्रिंसिपल की लेटलतीफी
के चलते शिक्षकों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। निदेशालय को ऐसी शिकायतें
ऑनलाइन मिल रही हैं। सरकारी स्कूलों में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर अब
शिक्षा निदेशालय भी सख्ती के मूड में है। निदेशालय ने इन शिकायतों को उचित
मानकर कार्रवाई की कवायद भी तेज कर दी है।
शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन शिकायत सुविधा के तहत अब तक
511 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसमें नर्सरी दाखिलों से जुड़ी शिकायतों की
जरूर अधिकता है, पर बीते कुछ दिनों में ऐसी शिकायतें भी दर्ज हो रही हैं,
जिनमें सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरियागंज के जैन ब्वॉयज सीनियर सेकंडरी स्कूल को लेकर दर्ज एक ऐसी ही
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यहां पिछले कुछ सालों से नियमित प्रिंसिपल
नहीं है। एक ऐसे शिक्षक को स्कूल की कमान सौंपी हुई है, जो इस पद के लिए
निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं करता है।
आरोप है कि स्कूल प्रमुख के तौर पर काम कर रहा शिक्षक न सिर्फ स्कूल परिसर
में धूम्रपान करता है बल्कि महिला शिक्षिकाओं से अभद्र व्यवहार भी करता है।
इसी तरह एक अन्य शिकायत में कल्याणपुरी के स्कूल में कार्यरत उप
प्रधानाचार्य की लेटलतीफी और उससे हो रही परेशानी का जिक्र किया गया है।
एडमिशन की भी मिल रही हैं शिकायतें
ऐसा नहीं है कि शिकायतें सिर्फ स्कूलों में जारी अनियमितताओं को लेकर हैं,
बल्कि ऐसी शिकायतें अभी भी आ रही हैं, जिनमें नर्सरी दाखिलों के लिए लागू
शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। कहीं गरीब कोटे के
लिए लागू नए नियमों का पालन न होने की बात कही जा रही है तो कहीं डोनेशन
मांगे जाने की।
निदेशालय कर रहा है मॉनीटरिंग
सरकारी स्कूलों में जारी अनियमितताओं की ऑनलाइन शिकायत पर शिक्षा निदेशालय
के एक आलाधिकारी ने बताया कि शिकायतों की मॉनीटरिंग जारी है। वेबसाइट पर
दर्ज हो रही शिकायत चाहे दाखिलों से जुड़ी हो या फिर सरकारी स्कूलों में
जारी अनियमितताओं से, यदि वह सही पाई जाएगी तो कार्रवाई होगी। निदेशालयकी
ओर से खासतौर पर शिकायतों की जांच कर इसे संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को
सौंपा जा रहा है और उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई अंजाम दी
जाएगी।
नर्सरी दाखिले में स्कूलों की ज्यादतियों पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षा
निदेशालय की ओर से शुरू हुई ऑनलाइन शिकायत सुविधा का इस्तेमाल अब सरकारी
स्कूलों में जारी अनियमितताओं की शिकायतों के लिए होने लगा है।
सरकारी स्कूलों में कहीं प्रिंसिपल नहीं हैं तो कहीं प्रिंसिपल की लेटलतीफी
के चलते शिक्षकों को तनख्वाह नहीं मिल रही है। निदेशालय को ऐसी शिकायतें
ऑनलाइन मिल रही हैं। सरकारी स्कूलों में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर अब
शिक्षा निदेशालय भी सख्ती के मूड में है। निदेशालय ने इन शिकायतों को उचित
मानकर कार्रवाई की कवायद भी तेज कर दी है।
शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर उपलब्ध ऑनलाइन शिकायत सुविधा के तहत अब तक
511 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इसमें नर्सरी दाखिलों से जुड़ी शिकायतों की
जरूर अधिकता है, पर बीते कुछ दिनों में ऐसी शिकायतें भी दर्ज हो रही हैं,
जिनमें सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
दरियागंज के जैन ब्वॉयज सीनियर सेकंडरी स्कूल को लेकर दर्ज एक ऐसी ही
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यहां पिछले कुछ सालों से नियमित प्रिंसिपल
नहीं है। एक ऐसे शिक्षक को स्कूल की कमान सौंपी हुई है, जो इस पद के लिए
निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं करता है।
आरोप है कि स्कूल प्रमुख के तौर पर काम कर रहा शिक्षक न सिर्फ स्कूल परिसर
में धूम्रपान करता है बल्कि महिला शिक्षिकाओं से अभद्र व्यवहार भी करता है।
इसी तरह एक अन्य शिकायत में कल्याणपुरी के स्कूल में कार्यरत उप
प्रधानाचार्य की लेटलतीफी और उससे हो रही परेशानी का जिक्र किया गया है।
एडमिशन की भी मिल रही हैं शिकायतें
ऐसा नहीं है कि शिकायतें सिर्फ स्कूलों में जारी अनियमितताओं को लेकर हैं,
बल्कि ऐसी शिकायतें अभी भी आ रही हैं, जिनमें नर्सरी दाखिलों के लिए लागू
शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। कहीं गरीब कोटे के
लिए लागू नए नियमों का पालन न होने की बात कही जा रही है तो कहीं डोनेशन
मांगे जाने की।
निदेशालय कर रहा है मॉनीटरिंग
सरकारी स्कूलों में जारी अनियमितताओं की ऑनलाइन शिकायत पर शिक्षा निदेशालय
के एक आलाधिकारी ने बताया कि शिकायतों की मॉनीटरिंग जारी है। वेबसाइट पर
दर्ज हो रही शिकायत चाहे दाखिलों से जुड़ी हो या फिर सरकारी स्कूलों में
जारी अनियमितताओं से, यदि वह सही पाई जाएगी तो कार्रवाई होगी। निदेशालयकी
ओर से खासतौर पर शिकायतों की जांच कर इसे संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को
सौंपा जा रहा है और उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई अंजाम दी
जाएगी।