जालंधर, 13 फरवरी (एजेंसी) विदेशों में डालर कमाने के लालच में अपना देश
छोड़कर गए पंजाब के दोआबा क्षेत्र के हजारों लोग अब विभिन्न देशों से
निर्वासित होकर स्वदेश लौटने को मजबूर हैं। एक अनुमान के अनुसार एनआरआई
इलाके के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र के औसतन 38 लोग हर रोज
निर्वासित होकर भारत लौट रहे हैं ।
जालंधर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार पिछले
पांच साल के आंकडों पर गौर करें तो 2007 से 2011 के बीच विदेशों में रह रहे
दोआबा क्षेत्र के 38 से अधिक लोग निर्वासित होकर रोजाना यहां आ रहे हैं और
यह सिलसिला अब भी जारी है ।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी परनीत सिंह ने इस बारे में ‘भाषा’ को बताया, ‘‘पिछले पांच साल में लगभग 70 हजार पांच सौ लोग निर्वासित होकर यहां आ चुके हैं। निर्वासितों का आंकडा सबसे
अधिक पिछले साल रहा जब कुल 16,477 पंजाबी विदेशों से निर्वासित होकर यहां
वापस लौटे ।
उन्होंने बताया कि हालांकि इन आंकडों में पिछले साल लीबिया
में हुई अशांति के बाद वहां से वापस लौटे लोग भी शामिल हैं । इनमें से कुछ
ऐसे लोग थे जिनके पासपोर्ट उनके नियोक्ता ने रख लिये थे और देने से माना
कर दिया था । इसके बाद वह इमरजेंसी स्लिप पर स्वदेश लौटे।
यहां गौरतलब
यह भी है कि कि जालंधर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधीन दोआबा
क्षेत्र के सभी चार जिले आते हैं जिन्हें पंजाब का एनआरआई बेल्ट कहा जाता
है । अपुष्ट आंकडों के अनुसार 45 फीसदी पंजाबी प्रवासी इसी क्षेत्र से हैं ।
छोड़कर गए पंजाब के दोआबा क्षेत्र के हजारों लोग अब विभिन्न देशों से
निर्वासित होकर स्वदेश लौटने को मजबूर हैं। एक अनुमान के अनुसार एनआरआई
इलाके के रूप में पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र के औसतन 38 लोग हर रोज
निर्वासित होकर भारत लौट रहे हैं ।
जालंधर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार पिछले
पांच साल के आंकडों पर गौर करें तो 2007 से 2011 के बीच विदेशों में रह रहे
दोआबा क्षेत्र के 38 से अधिक लोग निर्वासित होकर रोजाना यहां आ रहे हैं और
यह सिलसिला अब भी जारी है ।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी परनीत सिंह ने इस बारे में ‘भाषा’ को बताया, ‘‘पिछले पांच साल में लगभग 70 हजार पांच सौ लोग निर्वासित होकर यहां आ चुके हैं। निर्वासितों का आंकडा सबसे
अधिक पिछले साल रहा जब कुल 16,477 पंजाबी विदेशों से निर्वासित होकर यहां
वापस लौटे ।
उन्होंने बताया कि हालांकि इन आंकडों में पिछले साल लीबिया
में हुई अशांति के बाद वहां से वापस लौटे लोग भी शामिल हैं । इनमें से कुछ
ऐसे लोग थे जिनके पासपोर्ट उनके नियोक्ता ने रख लिये थे और देने से माना
कर दिया था । इसके बाद वह इमरजेंसी स्लिप पर स्वदेश लौटे।
यहां गौरतलब
यह भी है कि कि जालंधर स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधीन दोआबा
क्षेत्र के सभी चार जिले आते हैं जिन्हें पंजाब का एनआरआई बेल्ट कहा जाता
है । अपुष्ट आंकडों के अनुसार 45 फीसदी पंजाबी प्रवासी इसी क्षेत्र से हैं ।