निरीक्षण में खुला राज, सदर अस्पताल में भटकते हैं मरीज

मुजफ्फरपुर, कासं : स्थल : सदर अस्पताल का आउटडोर । समय : शाम चार बजकर 18
मिनट। मरीजों की शिकायत पर जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. बीएन झा ने औचक
निरीक्षण किया तो हक्का-बक्का रह गये। दृश्य कुछ यूं दिखा : चार बजकर 18
मिनट पर आउटडोर पहुंचे। सबसे पहले सर्जरी विभाग में गये वहां पर कोई नहीं
था। चार बजकर बीस मिनट पर वहां डा. एसएन चौधरी आए। उसके बाद नेत्र विभाग
में गये वहां वार्ड खुला था लेकिन चिकित्सक नदारद थे। मरीज इंतजार करते पाए
गये। यही हाल हड्डी, नेत्र,व मेडिसीन विभाग का था। उसके बाद ऊपरी तल पर
गये वहां चाइल्ड वार्ड खुला मिला लेकिन चिकित्सक नदारद थे। वहीं, चर्म रोग,
मनोरोग व डेंटल विभाग में ताला लगा मिला। निरीक्षण के दौरान ही थोड़े विलंब
से डा. एसएचपी सिंह, व डा. एसके पाण्डेय पहुंचे। चार बजकर तीस मिनट तक
जांच चली। उपाधीक्षक ने बताया कि उनके पास एक दर्जन मरीज आए और चिकित्सक के
नहीं रहने की मौखिक शिकायत की जो निरीक्षण में सच निकली। उन्होंने कहा कि
सरकारी अस्पताल के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है इसलिए कार्यशैली में
सुधार को लेकर सीएस व खुद वे अपने स्तर से कई बार मौखिक दिशा-निर्देश भी दे
चुके हैं। इधर, रजिस्टेशन काउंटर पर निबंधन राशि जमा करने में गड़बड़ी
सामने आयी। उपाधीक्षक ने नियमित राशि उपलब्ध कराने की हिदायत दी।

क्या कहता कायदा कानून

आउटडोर सुबह 8 बजे से 12 बजे तक तथा संध्या 4 से 6 बजे तक चले। लेकिन,
शर्त यह भी है कि सुबह या शाम जो पंजीकृत मरीज है और आउटडोर पर पहुंच गये
हैं उनकी जांच अवश्य होनी चाहिए। जांच नहीं करना सरकारी नियम के खिलाफ
होगा।

बोले सीएस

सिविल सर्जन डा.ज्ञानभूषण ने कहा कि नियम का पालन नहीं करना
अनुशासनहीनता है। यह किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। अगर समय पर आउटडोर
नहीं खुलेगा तो मरीजों को दुबारा परेशान होना पड़ेगा और विभाग की कार्यशैली
पर सवाल उठेगा। इसलिए समय का पालन हर हाल में होना चाहिए। उपाधीक्षक की
रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लिया जायेगा।

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