मानपुरा.
भारतीय मजदूर संघ ने एक ठेकेदार के पास काम कर रहे करीब 25 बाल मजदूरों को
छुड़वाया। ठेकेदार के पास करीब 75 कामगार थे, उन्हें दो माह से वेतन भी
नहीं दिया गया था। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मेला राम चंदेल,
सचिव राजू भारद्वाज और भंगी राम चौधरी ने बताया कि बद्दी के उद्योग ओमार
हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड में दो ठेकेदारों के पास 75 कामगार काम कर रहे
थे जिनमें करीब 25 नाबालिग लड़कियां थीं।
श्रमिकों को दिसंबर और जनवरी माह का वेतन नहीं दिया। काम करवाने के बाद न
तो ठेकेदार ने इन श्रमिकों को उनका मेहनताना दिया और न ही उद्योग प्रबंधन
उनको को वेतन देने के लिए तैयार है। कामगार संजू देवी, जायदा देवी, लच्छमी
देवी, राखी, शीला, पुष्पा, मुन्नी देवी, उर्मिला व राजवंति ने बताया कि वह
उक्त ठेकेदारों के पास कार्यरत थीं और मौजूदा समय में ओमार हेल्थ केयर में
ठेकेदार का कॉन्ट्रेक्ट चल रहा था।
उन्हें दिसंबर माह से अब तक का वेतन नहीं दिया।
वहीं भामसं के मेला राम चंदेल ने बताया कि कंपनी में ठेके लेने वाले दोनों
ठेकेदार कुछ दिनों से भूमिगत हो गए हैं। ओमार हेल्थ केयर के जीएम जितेंद्र
शेखावत का कहना है कि उक्त ठेकेदारों का उनके साथ कॉन्ट्रेक्ट था जो कि
खत्म हो चुका है।
उन्होंने बाल मजदूरी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके उद्योग में
बच्चों से कोई काम नहीं करवाया गया। श्रम इंस्पेक्टर पृथ्वी सिंह का कहना
है कि उनके पास बाल मजदूरी जैसी कोई शिकायत नहीं आई है अगर उनके पास कोई
शिकायत आती है तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय मजदूर संघ ने एक ठेकेदार के पास काम कर रहे करीब 25 बाल मजदूरों को
छुड़वाया। ठेकेदार के पास करीब 75 कामगार थे, उन्हें दो माह से वेतन भी
नहीं दिया गया था। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मेला राम चंदेल,
सचिव राजू भारद्वाज और भंगी राम चौधरी ने बताया कि बद्दी के उद्योग ओमार
हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड में दो ठेकेदारों के पास 75 कामगार काम कर रहे
थे जिनमें करीब 25 नाबालिग लड़कियां थीं।
श्रमिकों को दिसंबर और जनवरी माह का वेतन नहीं दिया। काम करवाने के बाद न
तो ठेकेदार ने इन श्रमिकों को उनका मेहनताना दिया और न ही उद्योग प्रबंधन
उनको को वेतन देने के लिए तैयार है। कामगार संजू देवी, जायदा देवी, लच्छमी
देवी, राखी, शीला, पुष्पा, मुन्नी देवी, उर्मिला व राजवंति ने बताया कि वह
उक्त ठेकेदारों के पास कार्यरत थीं और मौजूदा समय में ओमार हेल्थ केयर में
ठेकेदार का कॉन्ट्रेक्ट चल रहा था।
उन्हें दिसंबर माह से अब तक का वेतन नहीं दिया।
वहीं भामसं के मेला राम चंदेल ने बताया कि कंपनी में ठेके लेने वाले दोनों
ठेकेदार कुछ दिनों से भूमिगत हो गए हैं। ओमार हेल्थ केयर के जीएम जितेंद्र
शेखावत का कहना है कि उक्त ठेकेदारों का उनके साथ कॉन्ट्रेक्ट था जो कि
खत्म हो चुका है।
उन्होंने बाल मजदूरी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके उद्योग में
बच्चों से कोई काम नहीं करवाया गया। श्रम इंस्पेक्टर पृथ्वी सिंह का कहना
है कि उनके पास बाल मजदूरी जैसी कोई शिकायत नहीं आई है अगर उनके पास कोई
शिकायत आती है तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।