मप्र में खुलेंगे 400 लोकसेवा केंद्र

भोपाल, जागरण ब्यूरो। आम जनता की तकलीफें कम करने के लिहाज से मध्य
प्रदेश में 400 लोकसेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। सोमवार को राज्य
मंत्रिपरिषद ने सरकारी कालेजों में पढ़ाने वाले अतिथि शिक्षकों,
लाइब्रेरियन एवं पीटीआई के मानदेय में डेढ़ गुना वृद्धि करने का फैसला भी
किया। इसके अलावा मेला प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी
गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न मंत्रिपरिषद की
बैठक में फैसला लिया गया कि चार सौ लोकसेवा केंद्रों में से 313 केंद्र
विकासखंड व 87 केंद्र शहरी क्षेत्रों में खोले जाएंगे। बैठक के बाद सरकार
के प्रवक्ता एवं संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि इन
केंद्रों के खुलने से नागरिकों को अपने आवेदन प्रस्तुत करने के लिए सरकारी
दफ्तरों के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। ये केंद्र जन शासकीय भागीदारी
[पीपीपी] के आधार पर स्थापित होंगे। जहां सरकारी भवन नहीं मिलेंगे, वहां
किराये के भवनों में केंद्र खोले जाएंगे। इनमें लोक सेवा गारंटी के तहत
अधिसूचित सेवाओं के आवेदन सशुल्क स्वीकार किए जाएंगे। इनके संचालन के लिए
एनआईसी द्वारा सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।

सरकारी कालेजों में बतौर अतिथि पढ़ा रहे करीब ढाई हजार शिक्षकों,
लाइब्रेरियन एवं पीटीआई के लिए भी राहत की खबर है। इन सभी के मानदेय में
डेढ़ गुना वृद्धि करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
प्राचार्य अब इन अतिथि शिक्षकों को पढ़ाने के लिए एक दिन में चार के बजाए
पांच पीरियड भी दे सकेंगे।

मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट ने नेपा पेपर मिल फिर से चालू करने के
प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसके लिए मिल को कुछ राहत दी जाएगी। इसके तहत
करीब 67 करोड़ रुपये की अंशपूंजी परिवर्तित की जाएगी। स्कूल शिक्षा मंत्री
अर्चना चिटनिस इस मिल को पुनर्जीवित करने के लिए लंबे अरसे से प्रयासरत
थीं।

कैबिनेट ने सांस्कृतिक और धार्मिक मेलों के सुचारु संचालन के लिए मध्य
प्रदेश तीर्थ एवं मेला प्राधिकरण गठित करने का निर्णय भी लिया। यद्यपि
इसमें उज्जैन में आयोजित किया जाने वाला सिंहस्थ मेला शामिल नहीं होगा। यह
प्राधिकरण तीर्थ स्थानों की सांस्कृतिक परंपराओं के संरक्षण एवं संवर्धन,
उनकी उचित व्यवस्था, सुपरविजन व पोषण संबंधी उत्तरदायित्वों का निर्वहन
करेगा।

कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

-आदिवासियों को वन भूमि में आवास के पट्टों के लिए वैधता की अवधि को
1980 के बजाए 31 दिसंबर 2011 तक बढ़ाया। अब 2011 तक को मान्यता दी जाएगी।

-सर्व शिक्षा अभियान के तहत ऐसे स्कूल भवनों के लिए भी राशि दी जाएगी,
जो अधूरे पड़े हैं। इनमें ऐसे मामले भी शामिल हैं, जिनकी राशि जारी हो गई
लेकिन भवन नहीं बने और आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

-निगम मंडल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को भी चौथा व
पांचवा वेतनमान मिलेगा, उन्हें शासकीय सेवकों के डीए वृद्धि के समय मूल्य
वृद्धि के आधार पर भत्ता वृद्धि लाभ मिलेगा।

-धार नागदा 22.5 किमी, बालाघाट बैहर 66.70 किमी और जबलपुर पाटन शहपुरा
38.8 किमी मार्ग बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड से टोल पद्धति से बनेंगे।

-आवास एवं पर्यावरण विभाग में तीन चरण में 31 पद भरे जाएंगे।

-सेवानिवृत्तों की संविदा नियुक्तिमें वृद्धि के प्रस्ताव अब छानबीन समिति में नहीं जाएंगे। उन्हें विभाग आवास भी दे सकेंगे।

-डिंडोरी जिला अब शहडोल के बजाए जबलपुर संभाग में होगा।

-खनिज विभाग में 54 पद संविदा से भरे जाएंगे।

-बालाघाट के 115 एवं सीधी के 301 बिजली विहीन गांवों में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से मिलेगी बिजली।

-सौंधिया जाति को ओबीसी में शामिल करने के प्रस्ताव को नहीं मिली
मंजूरी। इसकी और समीक्षा करने के बाद फिर से कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

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