पाला से नष्ट हो गए 40 हजार पौधे

सर्दी में कोहरे के बाद एक बार फिर से पिछले पांच दिनों में पाला पड़ने
से 40 हजार के करीब पौधे नष्ट हो गए हैं। वन विभाग ने इन पौधों की भरपाई के
लिए नए पौध रोपित करेगा। कर्मचारियों के टोटे से जूझ रहे वन विभाग के पास
सबसे कम गार्ड हैं जिनके कारण पौधों की देखभाल में मशक्कत करनी पड़ रही है।
पिछले दिनों में मौसम की मार से पाला के कहर ने हजारों पौधे निगल लिए। वन
विभाग ने बीते वर्ष जुलाई माह में चार लाख पौधे रोपित किए थे। इनमें से 10
से 12 फीसदी पौधे पाला की मार से नष्ट हो गए तथा कुछ फीसदी वैसे भी नहीं
पनप पाए। नष्ट हुए पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाने की मुहिम इसी माह शुरू
की जा रही है ताकि सरकारी जमीन पर सड़कों, नहरों व सार्वजनिक स्थलों पर लगाए
गए पौधों की संख्या फलीभूत हो सके। जिले में हरियाली बरकरार रखने की
रणनीति तैयार करते हुए वन संरक्षण अधिकारी ने जिले के सभी रेंज अधिकारियों
की बैठक बुलाकर हिदायतें दी हैं। इस बैठक में साफ तौर पर निर्देश दिए गए
हैं कि पाला की मार से प्रभावित पौधों की जगह तुरंत प्रभाव से पौधे लगाए
जाएं। इसके अतिरिक्त पाला के दौरान पौधों को पानी नहीं दिया गया था ताकि
नष्ट होने वाले पौधों की संख्या में कमी आ सके। फिलहाल पौधों में पानी देने
व उनकी उचित देखभाल के लिए क्षेत्र स्तर पर गार्डो को जिम्मेवारी सौंपी
जाए।

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वन विभाग में कर्मचारियों का टोटा

जिला वन विभाग में जिला वन संरक्षण अधिकारी के तहत चार रेंज अधिकारी, दस
वन अधिकारी व 45 गार्ड हैं परंतु कर्मचारियों का टोटा इस कदर की वन
अधिकारियों में 15 फीसदी पद रिक्त हैं। इससे भी अधिक कमी गार्ड के पदों की
हैं जिसके चलते एक गार्ड को दो से तीन बीटों का कार्यभार दिया जा रहा है।
ऐसे में पौधों की देखभाल का जिम्मा उठाने वाले गार्डो को और अधिक मशक्कत
करनी पड़ेगी।

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नष्ट हुए पौधों की जगह नए लगाएंगे : रंगा

जिला वन संरक्षण अधिकारी नरेश रंगा का कहना है कि पाला से नष्ट हुए
पौधों के अलावा कुछ पौधे वैसे भी बढ़ नहीं पाते। इस बार पाला की मार से
करीब 40 हजार पौधे नष्ट हो गए हैं। जिनकी जगह नए पौधे लगाए जाने के आदेश
दिए गए हैं। नष्ट हुए पौधों को चिह्नित कर लिया गया है तथा नए पौधे विभाग
द्वारा मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य पौधों के रखरखाव के लिए
भी हिदायतें दी गई हैं।

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