नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भले ही खाद्य
सुरक्षा विधेयक के अमल से सब्सिडी का बोझ बढ़ने को लेकर परेशान हो, लेकिन
सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री केवी थॉमस ने रविवार
को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक (एनएफएसबी) से सरकार
पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री
प्रणब मुखर्जी पिछले दिनों बढ़ती सब्सिडी को लेकर चिंता जता चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि इससे उनकी रातों की नींद उड़ गई है।
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक पुडुचेरी में शनिवार को एक सम्मेलन में थॉमस
ने कहा कि एनएफएसबी का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बहुत बड़ा होने नहीं जा रहा
है। मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति, हकदारी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के
तहत अनुमानित आवंटन को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2012-12 के लिए
खाद्य सब्सिडी विधेयक के करीब 88,997 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। थॉमस
ने कहा कि एनएफएसबी का ज्यादा असर खाद्य रियायत के सम्बंध में होगा। उम्मीद
है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में यह अतिरिक्त 23,228 करोड़ रुपये का होगा।
थॉमस के मुताबिक यदि सरकार वर्ष 2011 की जनगणना के तात्कालिक आंकड़े का
इस्तेमाल करते हुए लक्षित जन वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत आवंटन को
दुरुस्त कर ले तो खाद्य सब्सिडी 1,09,795 करोड़ रुपये होगी।
सुरक्षा विधेयक के अमल से सब्सिडी का बोझ बढ़ने को लेकर परेशान हो, लेकिन
सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री केवी थॉमस ने रविवार
को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक (एनएफएसबी) से सरकार
पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री
प्रणब मुखर्जी पिछले दिनों बढ़ती सब्सिडी को लेकर चिंता जता चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि इससे उनकी रातों की नींद उड़ गई है।
सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक पुडुचेरी में शनिवार को एक सम्मेलन में थॉमस
ने कहा कि एनएफएसबी का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बहुत बड़ा होने नहीं जा रहा
है। मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति, हकदारी और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के
तहत अनुमानित आवंटन को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2012-12 के लिए
खाद्य सब्सिडी विधेयक के करीब 88,997 करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है। थॉमस
ने कहा कि एनएफएसबी का ज्यादा असर खाद्य रियायत के सम्बंध में होगा। उम्मीद
है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में यह अतिरिक्त 23,228 करोड़ रुपये का होगा।
थॉमस के मुताबिक यदि सरकार वर्ष 2011 की जनगणना के तात्कालिक आंकड़े का
इस्तेमाल करते हुए लक्षित जन वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत आवंटन को
दुरुस्त कर ले तो खाद्य सब्सिडी 1,09,795 करोड़ रुपये होगी।
(दैनिक जागरण, 13 फरवरी, 2012)