एस्सार का पैसा नक्सलियों तक पहुंचाने में लाला को जमानत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले की अदालत ने बिलासपुर उच्च
न्यायालय के आदेश के बाद नक्सलियों को पैसा पहुंचाने के आरोपी एस्सार के
ठेकेदार बीके लाला को जमानत दे दी है।

दंतेवाड़ा जिले के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी राकेश सिंह ने शनिवार को
बताया कि दंतेवाडा जिले की अदालत ने नक्सलियों को पैसा पहुंचाने के आरोपी
एस्सार के ठेकेदार बीके लाला को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष दिसम्बर माह में मामले की सुनवाई के दौरान
पुलिस ने अदालत से निवेदन किया था कि मामले की गंभीरता तथा परिस्थितियों
को देखते हुए आरोप पत्र पेश करने के लिए 180 दिन का समय दिया जाए। पुलिस की
इस अपील को स्थानीय अदालत ने स्वीकार कर लिया था तथा बीके लाला को जेल भेज
दिया गया था।

बाद में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लाला ने सत्र अदालत में
पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। वहा भी लाला की याचिका को खारिज कर दिया गया
था।

लाला ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी।
उच्च न्यायालय ने अपील पर सुनवाई करते हुए दंतेवाडा जिले की अदालत के आदेश
को खारिज कर दिया।

सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा दंतेवाडा जिले की अदालत का
फैसला खारिज करने के बाद स्थानीय अदालत ने आज बीके लाला को जमानत पर रिहा
करने का आदेश दिया।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पुलिस ने नक्सलियों तक पैसा पहुंचाने
के मामले में पिछले साल नौ सितम्बर को एस्सार के ठेकेदार बीके लाला और
लिंगाराम कोडीपी को गिरफ्तार कर लिया था तथा इनसे 15 लाख रुपये बरामद किए
गए थे। इसके बाद पुलिस ने चार अक्टूबर को दिल्ली से शिक्षिका सोनी सोढी को
इस मामले में गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने मामले की तफ्तीश के दौरान बाद में एस्सार के जीएम डीवीसीएस
वर्मा को भी गिरफ्तार किया था जिसे जनवरी माह में जमानत मिल गई थी। अभी इस
मामले में सोनी सोढी और लिंगाराम कोडीपी जेल में बंद हैं।

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