विज्ञान व प्रौद्योेगिकी मंत्री अब्दुल मन्नान पर अब लोकायुक्त का शिकंजा
और कस गया है।
मन्नान ने अपने ही विद्यालय को 50 लाख रुपए अपनी विधायक निधि से दे दिए।
इसी विद्यालय को उनके छोटे भाई विधान परिषद सदस्य अब्दुल हन्नान ने अपनी
विधायक निधि से 25 लाख रुपए दिए।
लोकायुक्त ने इससे संबंधित पूरी
पत्रावली के साथ मुख्य विकास अधिकारी को तलब किया है। कुछ महीने पहले
संडीला निवासी अनुराग त्रिपाठी ने लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा से शिकायत दर्ज
कराई थी कि कैबिनेट मंत्री अब्दुल मन्नान ने अपनी विधायक निधि से कई ऐेसे
विद्यालयों को धन दे दिया, जिनमें मन्नान या उनके परिवार के सदस्य प्रबंधक
या प्रबंध समिति के सदस्य हैं। इनमें अब्दुल जब्बार इंटर कालेज के अलावा
इशरत फाउंडेशन के नाम से भी विद्यालय संचालित है।
जांच के दौरान इन
दोनों संस्थानों को विधायक निधि दिए जाने का मामला तो पकड़ में नहीं आया,
लेकिन एक अन्य मामला सामने आ गया। संडीला में स्थित सायराबानो प्राइमरी
पाठशाला की प्रबंध समिति में कैबिनेट मंत्री अब्दुल मन्नान के बेटे अब्दुल
राफे भी है। इस विद्यालय को मन्नान ने पहली बार 21 जून 2010 को 24.85 लाख रुपए अपनी निधि से दिए। 16 अगस्त 2010 को विधान
परिषद सदस्य अब्दुल हन्नान ने भी अपनी विधायक निधि से इस विद्यालय को 25
लाख रुपए दिए। विधायक निधि के दुरुपयोग का मामला यहीं नहीं थमा। कैबिनेट
मंत्री मन्नान ने 21 जुलाई 2011 को भी सायराबानो प्राथमिक विद्यालय को
दोबारा 25 लाख रुपए की धनराशि दे दी। लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने पूरे
मामले की पत्रावली के साथ मुख्य विकास अधिकारी आनंद कुमार द्विवेदी और
परियोजना निदेशक श्रीनिवास को लखनऊ तलब किया है। दूसरी तरफ मंत्री अब्दुल
मन्नान के अपने ही विद्यालय को 50 लाख व इसी विद्यालय को उनके छोटे भाई
विधान परिषद सदस्य अब्दुल हन्नान को विधायक निधि से 25 लाख रुपए दिए जाने
का मामले ने तूल पकड़ा तो अफसरों के भी चेहरे की हवाइयां उड़ने लगीं। संबंधित
अफसर खुद को बचाने में लगे हुए हैं। विधायक निधि से संबंधित पत्रावली पर
मुख्य विकास अधिकारी के अलावा परियोजना निदेशक के हस्ताक्षर भी होते हैं।
तीनों बार धन जारी करने के दौरान जिले में परियोजना निदेशक श्रीनिवास ही
थे, जबकि दो बार धन देने के दौरान आनंद कुमार सिंह और एक बार आनंद कुमार
द्विवेदी जिले के मुख्य विकास अधिकारी रहे।