कर्नाटक की टीम बिहार के आरटीएस का करेगी अध्ययन

पटना : बिहार के लोक सेवा का अधिकार कानून एक बार फिर दूसरे राज्यों के
लिए मॉडल बन गया है. कर्नाटक में इस कानून को लागू करने की तैयारी है. इसके
लिए कर्नाटक सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम बिहार आकर इस कानून का अध्ययन
करेगी.

वहां विधानमंडल ने कानून को पारित कर दिया है. राज्यपाल की भी सहमति भी
मिल गयी है. वहां यह कानून एक अप्रैल से लागू हो जायेगा. इसके दायरे में
कर्नाटक सरकार के 11 विभागों की 152 सेवाओं को शामिल किया गया है.

कर्नाटक सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि कानून लागू होने के
पहले शीघ्र ही अधिकारियों का एक दल बिहार आयेगा और यहां लागू हुए कानून की
रूपरेखा का अध्ययन करेगा.

बिहार सरकार ने पिछले वर्ष 15 अगस्त से राज्य में लोक सेवा का कानून
अधिकार को लागू कर दिया है. इसके तहत सभी तरह के प्रमाणपत्रों व सरकारी
दफ्तरों से जारी होनेवाले प्रमाणपत्रों के लिए समयसीमा निर्धारित कर दी गयी
है.

एक दिसंबर से जाति प्रमाणपत्र, आवासीय व आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन
ऑनलाइन लिये जा रहे हैं. राज्य सरकार के अधिकारी कर्नाटक सरकार के
अधिकारियों को इनकी बारीकियों के बारे में जानकारी देंगे.

58 लाख को मिला लाभबिहार में अब तक 58 लाख लोगों को इस कानून का लाभ मिल
चुका है. प्रखंड व जिला कार्यालयों पर प्रमाणपत्रों के लिए लगनेवाली लंबी
लाइन अब कम हो गयी है. अवैध रूप से पैसे की उगाही भी बंद हो गयी है.

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