11 साल में नौ लाख लोगों को मिला रोजगार

रांची : राज्य गठन के बाद से अब तक उद्योग, आइटी व पावर सेक्टर में 75
हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है. वहीं 9.62 लाख लोगों को रोजगार मिला
है. इसमें प्रत्यक्ष रूप से 1.52 लाख लोगों को नौकरी मिली है. साथ ही
अप्रत्यक्ष रूप से 5.5 लाख लोगों को रोजगार मिला है.

हालांकि रोजगार देने के मामले में लघु उद्योग क्षेत्र अव्वल है. वहीं
सिल्क हैंडीक्रॉफ्ट व हैंडलूम क्षेत्र में सर्वाधिक 2.6 लाख लोगों को
रोजगार दिया गया है. उद्योग विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सूक्ष्म एवं लघु
क्षेत्र द्वारा सबसे कम निवेश कर सबसे अधिक रोजगार दिया गया है. लघु
उद्योगों द्वारा अब तक 1081.17 करोड़ रुपये निवेश किया गया है. करीब 37
हजार लघु उद्योगों की स्थापना वर्ष 2000 से 2011 के बीच की गयी है, जबकि
सबसे अधिक 1.39 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है.

मध्यम श्रेणी के उद्योगों द्वारा 8644.85 करोड़ रुपये का निवेश कर 8747
लोगों को रोजगार दिया गया है. मेगा उद्योगों द्वारा 30 हजार करोड़ रुपये का
निवेश किया गया है. पावर सेक्टर में 28884 करोड़ रु का निवेश हो चुका है.
वहीं आइटी सेक्टर में 304 करोड़ का निवेश हुआ है और 2915 लोगों को रोजगार
मिला है.

झारखंड गठन के बाद से रोजगार बढ़ा है. लोगों की आय भी बढ़ी है. इसका
अंदाजा इस बात से लगता है कि वर्ष 2000 में वाणिज्य कर 1330 करोड़ रुपये
मिलता था. अब यह 5065 करोड़ रुपये हो गया है. इस साल के अंत तक छह हजार
करोड़ रुपये तक पहुंचने के अनुमान है. कई उद्योग हाल के एक -दो वर्षो में
अपना उत्पादन आरंभ करेंगे. इनके द्वारा हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
पावर सेक्टर में कई प्लांट चालू होने वाले हैं. यहां भी पहले से ही कई हजार
लोग का कर रहे हैं. प्लांट के चालू होने पर और अधिक रोजगार मिलने की
संभावना है.
एपी सिंह, सचिव, उद्योग विभाग.

औद्योगिक क्षेत्र में 1.52 लाख लोगों को मिला है प्रत्यक्ष रोजगार
केवल लघु उद्योगों में 1.39 लाख को दिया गया रोजगार
सिल्क व हैंडीक्रॉफ्ट क्षेत्र में 2.6 लाख लोगों को मिली है नौकरी
अप्रत्यक्ष रूप से 5.5 लाख लोगों को मिला है रोजगार
उद्योग, आइटी व पावर क्षेत्र में अब तक 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश

सिल्क व हैंडलूम के क्षेत्र में सर्वाधिक 2.6 लाख को रोजगार
उद्योगों से इतर रोजगार देने के मामले में सिल्क व हैंडलूम का क्षेत्र
अव्वल है. झारखंड गठन के बाद से राज्य सरकार ने झारक्रॉफ्ट का गठन किया, जो
सिल्क, हैंडीक्रॉफ्ट व हैंडलूम के क्षेत्र को विकसित करने का काम कर रहा
है. इस क्षेत्र में स्वरोजगार अपनाकर बुनकर और किसान अपनी अतिरिक्त आय में
इजाफा कर रहे हैं. केवल कोकुन से धागा बनाने में ही 1.5 लाख किसान जुड़े
हुए हैं.

इनकी सालाना औसत आय में 30-35 हजार रुपये की अतिरिक्त आय भी हो रही है.
सिल्क, कॉटन की बुनाई में 52500 बुनकर लगे हुए हैं. हैंडीक्रॉफ्ट क्षेत्र
में 40 हजार परिवार स्वरोजगार को अपनाये हुए है. उद्योग विभाग की रिपोर्ट
के मुताबिक इस क्षेत्र में कुल 2.6लाख लोगों को रोजगार मिला है.
-सुनील चौधरी-

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