4.11 जॉब कार्डधारियों में महज 11 हजार ने किया काम
छपरा : गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करनेवाले लाखों परिवारों के जीवन स्तर
में सुधार, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने तथा भूमि की सुविधा उपलब्ध
कराने के लिए केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा लगभग चार दर्जन योजनाएं चल
रही हैं.
हालांकि इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने
वाले परिवारों को ही मिलना है. परंतु, बीपीएल सर्वेक्षण में कथित रूप से
गड़बड़ी तथा चयन में अनियमितता की वजह से कई योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को
नहीं मिल कर सुविधा संपन्न लोगों को ही मिल जाता है.
हालांकि समय-समय पर इसकी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन द्वारा आवश्यक
कार्रवाई भी की जाती है. बावजूद इन योजनाओं के कार्यान्वयन में गड़बड़ी की
वजह से वास्तविक गरीबों को आर्थिक एवं मानसिक प्रताड़ना का शिकार होना
पड़ता है.
जागरूकता का है अभावजिले में सर्वेक्षित 4 लाख, 76 हजार, 401 बीपीएल
परिवारों में से चार लाख, 11 हजार, 980 परिवारों को जॉब कार्ड देने की बात
जिला प्रशासन कहता है. परंतु, चालू वित्तीय वर्ष में महज 11 हजार जॉब
कार्डधारी परिवारों को ही अब तक जॉब कार्ड देने की बात बतायी जाती है.
डीडीसी सुशील कुमार कहते हैं कि जॉब कार्ड बनवानेवालों की संख्या तो
ज्यादा है परंतु जॉब के लिए जागरूकता के अभाव में अधिकतर जॉब कार्डधारी
प्रयास नहीं करते. मनरेगा के तहत जॉब चाहनेवालों के लिए सभी आंगनबाड़ी
केंद्रों पर बॉक्स रखने का काम शुरू कर दिया गया है.
इससे प्रत्येक गांव में इच्छुक जॉब कार्डधारी अपना आवेदन जॉब कार्ड या
अन्य योजनाओं के लिये दे सके. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक 323 आंगनबाड़ी
केंद्रों पर ऐसी पेटियां रखी जा चुकी हैं. वहां जाकर वे अपना आवेदन दे सकते
हैं.
ये योजनाएं हो रहीं क्रियान्वित
बीपीएल परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए उन्हें रोजगार मुहैया
कराने, बीपीएल के महादलित परिवारों को भूमि उपलब्ध कराने, इंदिरा आवास
निर्माण आदि योजनाएं चल रही हैं.
इसके अलावा कल्याणकारी योजनाओं में राशन कार्ड छात्रवृत्ति योजना,
वृद्धावस्था पेंशन, कन्या विवाह योजना, विधवा पेंशन योजना तथा अन्य
रोजगारपरक योजनाएं चल रही हैं. इससे दिनों-दिन उनकी स्थिति बेहतर होती जा
रही है. परंतु अब भी योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े स्थानीय पदाधिकारियों
को गरीबों को जागरूक करने के प्रयास की जरूरत है.
क्या कहते हैं डीएम
डीएम विनय कुमार का कहना है कि बीपीएल परिवारों के जीवन स्तर में सुधार,
कल्याणकारी तथा अन्य सभी योजनाएं जिले में बेहतर ढंग से संचालित हो रही
हैं. इन योजनाओं में कहीं भी शिकायत मिलती है, तो दोषियों पर नियमानुसार
विभागीय या कानूनी कार्रवाई भी की जाती है. यही नहीं, हर योजना का लक्ष्य
चालू वित्तीय वर्ष में पूरा करने के लिए सभी पदाधिकारियों को निर्देशित
किया गया है.