हर स्कूल की दीवार पर लिखे जाएंगे राइट टू एजुकेशन एक्ट के नियम : अंकित शर्मा

जालंधर.
शिक्षा विभाग ने अब राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के अधिकारों के प्रति आम
लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए विभाग की तरफ से आरटीई
वॉल पेंट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। इसमें राज्य भर के प्राइमरी व अपर
प्राइमरी स्कूलों की दीवारों के बाहर ब्लैक बोर्ड का निर्माण करवाया जाएगा।
इस पर आरटीई के तहत बच्चों के लिए लाजिमी शिक्षा व पूर्ण शिक्षा के
अधिकारों को अंकित किया जाएगा। राज्य भर के 19,632 स्कूलों में वॉल पेंट
किया जाएगा। इसके लिए विभाग की तरफ से प्रत्येक स्कूल को 700 रुपए दिए
जाएंगे।




विभाग की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि आरटीई के नियमों का उल्लंघन करने
वाले स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य यह है
कि कोई भी बच्चा आउट ऑफ स्कूल व शिक्षा के अधिकार से वंचित न रह जाए। विभाग
ने इन बोर्ड को 15 दिन के भीतर पेंट करवाए जाने के निर्देश जारी कर दिए
हैं। काम पूरा होने पर इसकी रिपोर्ट मुख्य दफ्तर को भेजी जानी जरूरी है।




॥इस संबंध में विभाग की तरफ से निर्देश आ चुके हैं। इन्हें पूरा करने के लिए काम किया जा रहा है।


– नीलम रानी, डीईओ, सेकेंडरी




स्कूलों का ब्योरा




जिला प्राइमरी अपर प्राइमरी कुल खर्च


जालंधर 990 440 1430 10,01,000


कपूरथला 557 259 816 5,71,200


लुधियाना 1013 522 1535 10,74,500


अमृतसर 866 441 1280 8,96,000


बरनाला 186 113 299 2,09,300


बठिंडा 394 266 660 4,62,000


फरीदकोट 254 155 409 2,86,300


फतेहगढ़ साहिब 468 219 687 4,80,900


फिरोजपुर 1158 447 1605 11,23,500


गुरदासपुर 1528 572 2100 14,70,000


होशियारपुर 1287 493 1780 12,46,000


मानसा 321 189 510 3,57,000


मोगा 370 238 608 4,25,600


मोहाली 427 194 621 4,34,700


मुक्तसर 333 216 549 3,84,300


नवांशहर 449 215 664 4,64,800


पटियाला 1009 391 1400 9,80,000


रोपड़ 576 275 851 5,95,700


संगरूर 671 353 1024 7,16,800


तरनतारन 540 264 804 5,62,800




बोर्ड पर लिखी जाने वाली एक्ट की विशेषताएं




> 6 से 14 साल की उम्र तक का प्रत्येक बच्चा प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने तक निशुल्क और लाजिमी शिक्षा लेने का अधिकार रखता


> कोई भी अध्यापक प्राइवेट ट्यूशन नहीं दे सकता

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> बच्चों को उम्र की योग्य कक्षा में दाखिल लेने का अधिकार


> पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक किलोमीटर व छठी से
आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए तीन किलोमीटर के फासले पर स्कूल होना
जरूरी।


> दाखिले के समय स्क्रीनिंग टेस्ट लेने व कंपीटिशन फीस वसूलने की मनाही है।


> उम्र का प्रमाण व स्कूल छोड़ने संबंधी सर्टिफिकेट न होने के सूरत में दाखिले से इनकार नहीं किया जाएगा


> प्रत्येक विद्यक सेशन के दौरान प्राइमरी स्कूल कम से कम 200 दिन, अपर
प्राइमरी स्कूल 220 दिन खुले रहेंगे और अध्यापकों के लिए पहली से पांचवीं
कक्षा में 800 से कम और छठी से आठवीं जमात के लिए 1000 घंटे पढ़ाना लाजिमी
होगा।


> बच्चों को जिस्मानी सजा या मानसिक तौर पर कोई परेशानी देना वर्जित है।


> प्राइवेट स्कूलों में कमजोर वर्ग और सुविधा रहित बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखना अनिवार्य हैं।


> बच्चों को प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने तक बोर्ड की परीक्षा पास करने
की जरूरत नहीं होगी और न ही बच्चे को पिछली कक्षा में रोका या प्राथमिक
पढ़ाई मुकम्मल होने तक स्कूल से निकाला जाएगा


> गैर सहायता प्राप्त स्कूलों से बिना सभी स्कूलों की तरफ से स्कूल
मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें तीन चौथाई बच्चों के परिजन व
सरपरस्तों से लिए जाएंगे।


> इसमें स्कूल विकास योजना तैयार करेंगे, स्कूल की निगरानी करेंगे, अध्यापकों की जवाबदेही यकीनी बनाई जाएगी।
 
 

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