कमलनाथ ने ‘जानुरम’ पर यहां राज्यों और कें्रद शासित क्षेत्रों के साथ एक राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, ‘मिशन के पहले चरण के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए दूसरे चरण की योजना में सुधार किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि राज्यों के साथ चर्चा के बाद ‘3-4 माह में जो योनजा तैयार होगी वह देश में शहरी विकास को एक नयी ददिशा देगी।’
शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालयों द्वारा संयुक्त रूप से अयाजित इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया। उद्घाटन सत्र को शहरी गरीबी उपशमन मंत्री कुमारी शैलजा ने भी संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि शहरी विकास की नयी योजना के बारे में योजना आयोग के सदस्य अरुण मायरा की अध्यक्षता में गठित समिति की रपट सरकार को मिल चुकी है। इस पर भी राज्यों के साथ चर्चा की जाएगी।
कमलनाथ ने राज्य सरकारों से शहरी स्थानीय निकायों के कामकाज में सुधार पर बल देते हुए कहा,‘ शहरी स्थानीय निकायों के लिए धन की व्यवस्था कर देने मात्र से ही विकास नहीं होगा। राज्यों को इन निकायों के रिफार्म :सुधार: के बारे में तय करना होगा।’
उन्होंने सरकारों से ‘भविष्य का सपना’ लेकर बढने की अपील की और कहा कि तेजी से हो रहे शहरीकरण के मद्देनजर नगरनिकायों के लिए राजस्व बढाना भी एक बड़ी चुनौती है।
शहरी नवीनीकरण मिशन की शुरूआत 2005 में शुरू हुई थी जिसका मुख्य लक्ष्य देश में शहरी बुनियादी ढांचे और जन सुविधाओं में सुधार करना है। इसके साथ ही इसमें शहरों में गरीबों के लिए सस्ते आवास की सुविधाओं का विस्तार कर शहरों को
मलिनबस्तियों से मुक्त करना और ऐसी बस्तियों की जमीन से निकायों का राजस्व बढाना भी इस मिशन का एक महत्वपूण पक्ष है।