नई दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी) सरकार गरीब और दुर्बल आय वर्ग के लोगों को आवास आदि के लिए बैंकों से रिण दिलाने में मदद के लिए 1,000 करोड़ रुपए के सरकारी गारंटी कोष की स्थापना का विचार कर रही है जो इस वित्त वर्ष में शुरू कर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री मनामोहन सिंह ने आज यहां जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन :जानुरम: पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि शहरी गरीबों को खुद का आवास सुलभ कराने और शहरों को मलिन बस्तियों से मुक्त बनाने के लिए इसी साल शुरू की गयी राजीव आवास योजना की सफलता के लिए गरीबों को बैंक रिण की सुविधा दिलाना बहुत जरूरी है।
सिंह ने कहा,‘:इस योजना के:क्रियान्वयन की सफलता के लिए बैंक रिण की उपलब्धता एक बड़ा महत्वपूर्ण पहलू होगा। सम्पत्ति पर अधिकार देने से रिण मिलने में आसानी होगी। बैंकों को आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गों और निम्न आयवर्ग वाले समूह के लोगों को को पर्याप्त मात्रा में रिण सहायता देने को प्रोत्साहित करने के लिए हम चालू वित्त वर्ष में ही 1,000 करोड़ रुपए का एक क्रेडिट रिस्क गारंटी कोष स्थापित करने का विचार कर रहे हैं।’
एक दिन के इस सम्मेलन का आयोजन शहरी विकास और आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने मिल कर किया है। इसमें राज्यों और कें्रद शासित क्षेत्रों के नगर विकासमंत्रियों और अधिकारियों के साथ जानुरम मिशन के पहले चरण की उपलब्धियों और कमियों पर चर्चा की जाएगी ताकि मिशन के अगले चारण के लिए बेहतर योजना बनायी जा सके।
प्रधामंत्री ने कहा कि राजीव आवास योजना के जरिए सर्वस्पर्शी और मलिनबस्ती मुक्त शहर बनाने के साथ साथ शहरी जमीन के मूल्य का फायदा उठा कर राजस्व बढाना भी है। उन्होंने कहा,‘इसका लक्ष्य मलिन बस्तियों का पुनर्विकास करना और इन बस्तियों में रहने वालों को सम्पत्ति का अधिकार देने वाले राज्यों को सहायता दे कर सस्ते आवास की उपब्धता बढाना है। इस सुधार के जरिए शहरी गरीबों को शहरों के आर्थिक सामाजिक विकास में औपचारिक भागीदारी का अवसर मिलेगा।’
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर जानुरम मिशन के विभिन्न घटाकों को लागू करने वाली महानगरपालिकाओं और राज्यों को पुरस्कार प्रधान किए।
समारोह में शहरी आवास एवं शहरी विकास मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि शहरों में गरीबों के लिए सस्ते आवास मुहैया कराने की योजना में मुकदमेबाजी से मुक्त जमीन और गरीबों के लिए बैंक रिण की उपब्धता बड़ी चुनौती है।
शहरी विकास मं ी कमलनाथ ने कहा कि राज्यों के साथ चर्चा के बाद इस मिशन के अगले चरण की योजना 3-4 माह में तैयार कर ली जाएगी।
प्रधानमंत्री ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि जानुरम के अगले चारण में नगर निकायों के राजस्व में वृद्धि करना बड़ी चुनौती होगी। उन्होंने इस इस सम्बंध में डा ईशर अहलुवालिया समिति की सिफारिशों का भी उल्लेख किया जिसमें अन्य सुझावों के साथ साथ नगरपालिकाओं को अलग से कुछ कर लगाने के लिए संविधान में संशोधन का भी सुझाव दिया है। सिंह ने कहा कि इन सुझावों पर विस्तार से चर्चा की जरूरत है।