नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी) कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर समस्याओं, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में पता लगाने और समय रहते उनका इलाज करने के लिए सरकार ने अगले पांच साल में देश की पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच करने की योजना बनाई है।
राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कें्रदीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर बीमारियों, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में पता लगाने और उनकी रोकथाम के लिए 21 राज्यों के 100 जिलों में पायलट परियोजना चलाई जाएगी।
उन्होंने ्रदमुक के तिरूचि शिवा के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा ‘‘भारत अगले पांच साल में पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच करने वाला दुनिया का पहला देश होगा।’’
आजाद ने बताया कि पायलट परियोजना के तहत सरकार ने स्वास्थ्य जांच के लिए आवश्यक उपकरण और मानव संसाधन मुहैया कराए हैं। उन्होंने कहा ‘‘भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद :आईसीएमआर: के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, देश में करीब 27 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं। हर साल 11 लाख नए मामले जुड़ जाते हैं और करीब पांच लाख लोग हर साल इस बीमारी के कारण मौत के मुंह में चले जाते हैं।’’
बसपा के गंगाचरण के पूरक प्रश्न के उत्तर में आजाद ने कहा कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों को कैंसर का मुफ्त इलाज मुहैया कराती है। राष्ट्रीय आरोग्य निधि योजना के तहत बीपीएल मरीजोें को 1.5 लाख रूपये प्रति मामले के हिसाब से आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि कुल पांच कें्रदीय योजनाओं के माध्यम से कैंसर के इलाज के लिए सहायता दी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी मामले में 1.5 लाख रूपये से अधिक राशि की मदद मांगी जाए तो उनका मंत्रालय वित्तीय मदद देता है। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन यह सहायता सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले बीपीएल मरीजों के लिए ही होती है।’’
इसके अलावा, जिन मामलों में मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनमें सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने पर इलाज के लिए गरीब मरीजों के प्रत्येक मामले में अधिकतम 50 हजार रूपये की वित्तीय मदद दी जाती है।
आजाद ने बताया कि इस साल स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2202 कैंसर रोगियों को वित्तीय मदद दी है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री की कैंसर रोगी निधि :हेल्थ मिनिस्टर्स कैंसर पेशेन्ट फंड: के तहत 27 क्षेत्रीय कैंसर कें्रदों को पूरी राशि वितरित की जाती है ताकि वे बीपीएल कैंसर रोगियों को इलाज के लिए एक एक लाख रूपये की सहायता दे सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011..12 के दौरान संसद सदस्यों ने इलाज की खातिर वित्तीय सहायता के लिए 241 कैंसर रोगियों की सिफारिश की है।