भूमाफियाओं के कब्जे से छुड़ाई 1900 एकड़ जमीन

सोहना/गुड़गांव.
जिले के डीसी पीसी मीणा के हस्तक्षेप के बाद सोहना नगर पालिका को लगभग
1900 एकड़ भूमि वापस मिल गई है। 1999 से 2000 के कार्यकाल में दो नायब
तहसीलदारों द्वारा नियम-कानून को ताक पर रख कर इस भूमि की गिरदावरी
भू-माफियाओं के नाम तबदील कर दी थी। इस मामले में डीसी के निर्देश पर दोनों
नायब तहसीलदारों के खिलाफ सोहना थाना में एफआईआर दर्ज करा कर अनुशासनात्मक
कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को लिखा गया है।




19 मार्च 1999 से लेकर 3 जून 1999 तक मोहम्मद इशाक सोहना में नायब तहसीलदार
के पद पर थे, इस दौरान उन्होंने 11 दावों पर फैसले सुनाते हुए 1653 कनाल 9
मरला भूमि, जो लगभग 206 एकड़ बनती है की गिरदावरी वन विभाग से तबदील करके
निजी व्यक्तियों के नाम कर दी थी। इसमें वन विभाग को पार्टी भी नहीं बनाया
गया था। नायब तहसीलदार के इस फैसले से यह भूमि निजी हाथों में चली गई थी।




इसी तरह के दूसरे मामले में 21 जुलाई 1999 से लेकर 3 मार्च 2000 के बीच
सोहना में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत महेंद्र सिंह फौगाट ने भी 12
दावों पर फैसले सुनाते हुए 754 कनाल भूमि (लगभग 95 एकड़) की गिरदावरी वन
विभाग से बदलकर भू-माफियाओं के नाम कर दी थी। डीसी द्वारा राजस्व विभाग को
भेजे गए पत्र में लिखा है कि सरकारी भूमि की गिरदावरी निजी व्यक्तियों के
नाम कर इन दोनों नायब तहसीलदारों ने नियमों का उल्लंघन किया है।




डीसी के निर्देश पर सोहना नगर पालिका सचिव द्वारा दोनों नायब तहसीलदारों के
खिलाफ सोहना थाना में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इसके अलावा डीसी ने इनके
खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी राजस्व विभाग से सिफारिश की है।
मीणा की पहल पर सोहना नगर पालिका की 15172 कनाल (लगभग 1900 एकड़ भूमि)
भू-माफिया से वापस नगर पालिका को हस्तांतरित कर दी गई है। इस भूमि का
इंतकाल भी नगर पालिका के नाम हो चुका है।

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