सरकार ने एफडीआई को टाला, बीजेपी ने कहा-आधिकारिक बयान दे केंद्र

नई दिल्ली. खुदरा
बाजार में विदेशी निवेश के मुद्दे पर सरकार को बैकफुट पर आना ही पड़ा।
संसद की शीतकालीन सत्र में आज तक कोई काम न होने से चिंतित सरकार के अहम
मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विपक्षी नेताओं से बात की है।

 
सूत्रों के
मुताबिक केंद्रीय वित्तमंत्री ने बीजेपी की नेता सुषमा स्वराज और
वाममोर्चे के सीताराम येचुरी से बात करके यह आश्वासन दिया है कि जब तक आम
सहमति नहीं बनेगी, तब तक एफडीआई के प्रस्ताव को टाल दिया जाएगा।

 
 
लेकिन
बीजेपी ने एक तरह से प्रणब मुखर्जी की पेशकश को ठुकरा दिया है। पार्टी के
प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने सोमवार दोपहर मीडिया से बातचीत में इस बात की
तस्दीक करते हुए कि प्रणब मुखर्जी ने उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण
आडवाणी और सुषमा स्वराज को फोन किया है। प्रसाद ने कहा कि एफडीआई के मुद्दे
पर सरकार सभी दलों की बैठक बुलाकर अपना आधिकारिक मत सामने रखे, इसके बाद
ही बीजेपी अपना पक्ष रखेगी। राज्यसभा सांसद प्रसाद ने कहा, ‘इस मुद्दे पर
सर्वदलीय बैठक के बाद प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री से बात
करेंगे और सभी पार्टियों को उनका जवाब बताएंगे। लेकिन उस दिशा में अब तक
कोई प्रगति नहीं हुई है।’ माना जा रहा है कि बीजेपी एफडीआई के मुद्दे को
सिर्फ टालने से खुश नहीं है बल्कि पार्टी चाहती है कि सरकार इस फैसले को
वापस ले।

 
 
गौरतलब है कि संसद का सत्र चलने के कारण वे इस
मुद्दे पर संसद के बाहर सार्वजनिक तौर पर बयान नहीं दे सकते हैं। कांग्रेसी
सांसदों के बीच उठ रहे मतभेद को खत्म करने के लिए 7 दिसंबर को प्रणब
मुखर्जी अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित करेंगे। इससे पहले वित्त मंत्री
ने कांग्रेस की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और डीएमके को मनाने की
कोशिश की।

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