‘जैतापुर परमाणु ऊर्जा कोंकण के लिए विनाशकारी है’

मुंबई.
जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ शिवसेना ने एक बार ताल ठोंकी है।
शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कोंकण के लोगों के आक्रोश को भूनाने
के लिए 29 नवंबर को इस मसले पर ‘जैतापुर परियोजना क्यों जरूरी है और क्यों
नहीं?’ एक परिसंवाद का आयोजन किया है।




ठाकरे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 29 नवंबर को मुंबई के
स्वातं˜यवीर सावरकर सभागृह में आयोजित परिसंवाद की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट
के पूर्व न्यायमूर्ति ए.पी. शाह करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रबोधन
प्रकाशन की ओर से आयोजित ‘जैतापुर परियोजना क्यों जरूरी है और क्यों नहीं?’




परिसंवाद में तारापुर परिसर विकास समिति के अध्यक्ष जितेंद्र राऊल, सुरक्षा
मामलों के विशेषज्ञ डॉ. विवेक मॉन्टेरो, पर्यावरण विशेष महेश शिंदिकर,
परमाणु ऊर्जा विशेषज्ञ डॉ. सुरेंद्र गाडेकर, नीरी के मुख्य वैज्ञानिक डी.
एस. रामटेके, एनपीसीआईएल के कार्यकारी संचालक शशिकांत धारणो, परमाणु ऊर्जा
आयोग के अध्यक्ष डॉ. श्रीकुमार बनर्जी और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व
अध्यक्ष डॉ. अनिल काकोडकर जैसे प्रतिशिष्ठ वैज्ञानिक कोंकण वासियों का
मार्गदर्शन करेंगे।




इस परिसंवाद का मापन शिवसेना कार्याध्यक्ष उद्धव ठाकरे के भाषण से होगा।
ठाकरे का आरोप है कि जैतापुर परमाणु ऊर्जा कोंकण के लिए विनाशकारी है। और
केंद्र व राज्य सरकार ने माडबन और साक्रीनाटे इलाके के ग्रामीणों की जमीन
जबरन इस परियोजना के लिए हासिल किया है।




बता दें कि कांग्रेस ने पृथ्वीराज चव्हाण को इस जैतापुर परियोजना को साकार
करने के लिए दिल्ली से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाकर भेजा था। जबकि
शिवसेना के लगातार कड़े विरोध के चलते यह परियोजना साकार नहीं हो पा रही
है।

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