मुंबई बांबे
हाईकोर्ट ने पशुहत्या मामले पर राज्य सरकार की भूमिका को लेकर कड़ी फटकार
लगाई है। कोर्ट ने मुंबई मनपा प्रशासन को अवैध ढंग से होने वाले पशु हत्या
के विरोध में कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि अवैध ढंग से होने वाली पशुओं की हत्या पर सरकार
का कोई नियंत्रण नहीं है। खुली जगह पर पशुओं को काटने पर मनाई है। फिर भी
उन्हें खुलेआम निर्ममता से काटा जाता है। कोर्ट ने यह टिप्पणी मुंबई में
रहने वाले गणोश नखाते की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने मनपा
प्रशासन को इस दिशा में कड़े कदम उठाने को कहा। न्यायमूर्ति शरद बोबड़े व
वी.के. ताहिलरमानी की खंडपीठ ने मुंबई महानगरपालिका से अवैध ढंग से पशुओं
का वध करने वाले दुकानदारों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।
खंडपीठ ने कहा कि खुले में पशुओं की हत्या करने से गंदगी फैलती है। लोगों
के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
लिहाजा मनपा इस मामले को गंभीरता से ले। इससे पहले श्री नखाते के वकील
राजेश्वर पंचाल ने कहा कि महानगर पालिका को मनपा अधिनियम की धारा 476 के
तहत मांस की बिक्री के लिए अवैध ढंग से पशुओं की हत्या करने वाले
दुकानदारों पर कार्रवाई करने का अधिकार है। पर मनपा कोई कार्रवाई नहीं
करती। कुछ लोग बेखौफ पशुओं को मार रहे हैं और कोई कुछ करने को तैयार नहीं
है। श्री पंचाल की दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने मनपा को अब तक अवैध ढंग
से पशुओं की हत्या करने वाले लोगों का ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया।
मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है।