नयी दिल्लीः संसद की स्थायी समिति ने न्यायपालिका को प्रस्तावित लोकपाल
कानून से बाहर रखने की सिफारिश करने का फैसला किया है. सूत्रों से मिली
जानकारी के अनुसार समिति ने केन्द्र सरकार के ग्रुप ए के तहत आने वाले 80
हजार कर्मचारियों और ग्रुप बी के तहत आने वाले 1.5 लाख कर्मचारियों को
लोकपाल के दायरे में लाने की सिफारिश करने का मन बनाया है.
समिति ने झूठी शिकायत करने वालों को कम सजा दिए जाने की वकालत की है.
समिति चाहती है कि झूठी शिकायत करने वाले को छह माह की कैद और पांच हजार के
जुर्माने की सजा का प्रावधान हो. केन्द्र सरकार ने जो लोकपाल बिल का मसौदा
तैयार किया है, उसमें झूठी शिकायत करने वाले को दो से पांच साल की कैद का
प्रावधान किया गया है.
समिति इस बात की सिफारिश करने को भी तैयार है कि केन्द्र का लोकपाल कानून राज्यों में लोकायुक्त के लिए भी लागू हो.