पटना। बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और कदम बढ़ाते हुए सशक्त
लोकायुक्त के गठन का फैसला किया है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे
समाजसेवी अन्ना हजारे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रदेश में सशक्त
लोकायुक्त के गठन के वादे को पूरा करना है।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को मजबूत लोकायुक्त अधिनियम के
प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इस मामले में 22 नवंबर तक जनता से सुझाव भी
मांगे गये हैं। मंत्रिपरिषद के सचिव रविकांत ने बुधवार को बताया कि प्रारूप
के अनुसार नये लोकायुक्त में अध्यक्ष के अलावा दो अन्य सदस्य होंगे।
अध्यक्ष के चयन के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चयन समिति होगी,
जिसमें मुख्यमंत्री के अलावे मुख्यमंत्री द्वारा मनोनीत मंत्री, विधानसभा
में नेता प्रतिपक्ष, उच्च न्यायालय के दो वर्तमान न्यायाधीश और वरिष्ठ
नागरिक सदस्य होंगे।
लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष,
विधानपरिषद के सभापति, विधानमंडल के सदस्य और निगमों में कार्यरत कर्मियों
के अलावे सभी लोकसेवक आयेंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रारूप को विधानसभा के
शीतकालीन सत्र में पारित कराने का निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जनलोकपाल के मुद्दे पर आंदोलनरत अन्ना हजारे से
मुलाकात कर बिहार में सशक्त लोकायुक्त के गठन का वादा किया था। लोकायुक्त
गठन के प्रारूप को लेकर अन्ना समर्थक भी खुश है। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के
बिहार के संयोजक रत्नेश चौधारी कहते है कि बिहार में इसका व्यापक असर होगा।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अब नये दौर में पहुंच गई है। वह
कहते है कि इसमें मुख्यमंत्री से लेकर लोकसेवक तक दायरे में रहेंगे, जो
सही है।