रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राज्य में किसानों को धान खरीद में 270 रुपये का बोनस देने की माग की है।
जोगी ने शुक्रवार को यहा एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को
चुनाव के दौरान की गई अपनी घोषणा के अनुरूप किसानो को धान की खरीदी पर 270
रुपये प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बात याद दिलाना इसलिए आवश्यक है कि
विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होने अपने संकल्प पत्र और घोषणा पत्र में
किसानों को धान खरीदी में 270 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की
थी। वह अपने संकल्प पत्र के अन्य वायदों पर ध्यान दें या नहीं, पर किसानों
से किए गए इस वायदे को उन्हें अवश्य पूरा करना चाहिए, क्योंकि छत्तीसगढ़
में 90 प्रतिशत से भी अधिक लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से धान की खेती पर
ही आश्रित हैं। यदि अब भी उन्होंने बोनस नहीं दिया तो प्रदेश के किसान और
कृषि मजदूर उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रमन सिंह को यह भी स्मरण रखना चाहिए कि
जहा एक ओर वह बोनस देने के वायदे से मुकर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर संयुक्त
प्रगतिशील गठबंधन वाली केंद्र सरकार ने हर वर्ष धान के खरीद मूल्यों में
वृद्धि की है और आज खरीद मूल्य 500 रुपये से बढ़कर 1,100 रुपये प्रति
क्विंटल हो गया है।
जोगी ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने रबी फसल के समर्थन मूल्य में भारी भरकम वृद्धि कर किसानों को दीपावली का उपहार दिया है।
केंद्र सरकार ने राज्य के किसानों को रबी फसलों में ज्यादा से ज्यादा
उत्पादन करने के लिए बढ़ावा दिया है। केंद्र सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी
कर गेहूं की कीमत 1,285 रुपये, जौ की 980 रुपये, चने व मसूर की कीमत 2,800
रुपये, सरसों व सूरजमुखी 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया
है।
उन्होने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान
प्रदेश है और काग्रेस सरकार के समय में छत्तीसगढ़ में सिंचाई के लिए बाध
निर्माण तथा कृषकों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराकर कृषि को बढ़ावा दिया गया,
लेकिन रमन सरकार के कार्यकाल में किसानो की जमीन जबरन बेचना, सरकारी बाध
बेचना, किसानों के बदले निजी उद्योगों को बिजली देने जैसे कार्य किए जा रहे
हैं।