जिंदल के अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की एक अदालत ने पर्यावरण प्रदूषण के
मामले में सोमवार को जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड और उसके दो वरिष्ठ
अधिकारियों के खिलाफ फिर से जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है और
आगामी 18 नवंबर को आरोपियों को अदालत में तलब किया है।

पर्यावरण विभाग के अधिवक्ता ओपी बेरीवाल ने बताया कि रायगढ़ के मुख्य
न्यायिक मजिस्ट्रेट जीके नीलम ने इससे पहले थानेदार के माध्यम से जेएसपीएल
और उसके वरिष्ठ महाप्रबंधक [पावर प्लाट] आर चक्रवर्ती और वरिष्ठ उप
महाप्रबंधक [पर्यावरण प्रबंधन] वी कार्तिकेयन को जमानती वारंट तामिल करने
के लिए तीन अगस्त, 24 अगस्त और 27 सितंबर 2011 को कहा था।

बेरीवाल ने बताया कि तीन बार के प्रयासों के बावजूद जमानती वारंट तामिल
नहीं होने पर अदालत ने चौथी बार तीन लोगों के विरूध्द इसे तामील करने के
लिए जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है।

जिंदल स्टील के खिलाफ अदालत ने यह आपराधिक मामला क्षेत्रीय पर्यावरण
कार्यालय रायगढ़ द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर जल प्रदूषण, निवारण तथा
नियंत्रण अधिनियम 1974 की धारा 44, 45ए, 47 और भारतीय दंड विधान की धारा 34
के तहत इस वर्ष तीन अगस्त को दर्ज किया था।

जिंदल स्टील के पावर प्लाट क्रमाक दो के खिलाफ दायर इस मुकदमे में
मुख्य आरोप यह है कि प्रबंधन ने कोसमपाली स्थित राखड़ बाध की उंचाई बिना
अनुमति के बढ़ाई है। बाध में तकनीकी खामिया थी और 22 जून 2011 को अत्याधिक
जल का दबाव होने से बाध टूट गया था।

पर्यावरण विभाग के अधिवक्ता ने बताया कि जिंदल कंपनी को कारण बताओ
नोटिस जारी किया गया था लेकिन इसके बावजूद जिंदल कंपनी ने बाध की उंचाई
बढ़ाने की अनुमति नहीं ली, इससे जल प्रदूषण हुआ है।

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