भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता : राज्य के लोगों को जंगल के बारे में जागरूक
कराने के लिए कई कार्यक्रम हाथ में लिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए
ओड़िशा परिवेश कांग्रेस के निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि इस जन-जागरूकता
कार्यक्रम के लिए एक साल की योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत विभिन्न
शिक्षा अनुष्ठानों, स्वेच्छासेवी अनुष्ठानों, शिल्प संस्थानों, सरकारी
कर्मचारियों तथा जन-साधारणों को जागरूकता कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
चित्रांकन, वाद-विवाद, भाषण, गल्प लेखन, निबंध लेखन जैसे विभिन्न
प्रतियोगिताओं के जरिए विद्यार्थियों को, क्षेत्रीय कार्यशाला के जरिए समाज
सेवियों को जोड़ा जाएगा। ओड़िशा की जंगल संपदा के विकास तथा उसकी संभावना
विषय पर आगामी 22 से 24 दिसम्बर तक एक परिवेश कांग्रेस का आयोजन किया जा
रहा है। एसएफडीसी के निदेशक विनोद कुमार ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि
विभिन्न ब्लाक तथा जिला स्तर पर आयोजित होने वाले प्रतियोगिताओं और
आलोचनाचक्रों में विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। 22 से 24 दिसम्बर तक
होने वाले परिवेश कांग्रेस में विभिन्न जंगल विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों
एवं अनुसंधान कर्ताओं के वक्तव्य रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की
जंगल संपदा पर बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए जनजागरूकता ही एकमात्र साधन
है और इसके लिए अभियान के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन के तेजी से घटने से परिवेश पर बुरा असर पड़ रहा है और
मौसम में हो रहे बदलाव जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने आशा
जताई कि यह जागरूकता कार्यक्रम जो साल भर चलने वाला है, वह अपने उद्देश्य
में सफल साबित होगा।
कराने के लिए कई कार्यक्रम हाथ में लिया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए
ओड़िशा परिवेश कांग्रेस के निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि इस जन-जागरूकता
कार्यक्रम के लिए एक साल की योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत विभिन्न
शिक्षा अनुष्ठानों, स्वेच्छासेवी अनुष्ठानों, शिल्प संस्थानों, सरकारी
कर्मचारियों तथा जन-साधारणों को जागरूकता कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
चित्रांकन, वाद-विवाद, भाषण, गल्प लेखन, निबंध लेखन जैसे विभिन्न
प्रतियोगिताओं के जरिए विद्यार्थियों को, क्षेत्रीय कार्यशाला के जरिए समाज
सेवियों को जोड़ा जाएगा। ओड़िशा की जंगल संपदा के विकास तथा उसकी संभावना
विषय पर आगामी 22 से 24 दिसम्बर तक एक परिवेश कांग्रेस का आयोजन किया जा
रहा है। एसएफडीसी के निदेशक विनोद कुमार ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि
विभिन्न ब्लाक तथा जिला स्तर पर आयोजित होने वाले प्रतियोगिताओं और
आलोचनाचक्रों में विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। 22 से 24 दिसम्बर तक
होने वाले परिवेश कांग्रेस में विभिन्न जंगल विशेषज्ञों तथा वैज्ञानिकों
एवं अनुसंधान कर्ताओं के वक्तव्य रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की
जंगल संपदा पर बढ़ रहे खतरे से निपटने के लिए जनजागरूकता ही एकमात्र साधन
है और इसके लिए अभियान के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन के तेजी से घटने से परिवेश पर बुरा असर पड़ रहा है और
मौसम में हो रहे बदलाव जैसी स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने आशा
जताई कि यह जागरूकता कार्यक्रम जो साल भर चलने वाला है, वह अपने उद्देश्य
में सफल साबित होगा।