जयपुर.शिक्षा
मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा है कि राज्य में अगले तीन माह में
शिक्षकों के 50 हजार खाली पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। उन्होंने
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जन-जागरूकता और सामुदायिक प्रयासों को
बढ़ावा देने के मकसद से प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 11 नवंबर से शुरू किए जा
रहे ‘शिक्षा का हक’ राष्ट्रीय अभियान की सफलता के लिए प्रदेश की ओर से
पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया है।
बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की
अध्यक्षता में ‘शिक्षा का हक’ अभियान के संबंध में जन-जागरूकता एवं
सामुदायिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित शिक्षा मंत्रियों के
सम्मेलन में मेघवाल ने बताया कि देश में शिक्षा का अधिकार कानून को लागू
करने वाला राजस्थान अग्रणी प्रदेश है।
‘चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे अभियान’ चला कर स्कूलों में नहीं जा रहे 6 से 14
वर्ष के चिन्हित किए गए 12 लाख बच्चों में से 9 लाख बच्चों को स्कूलों में
भेजना शुरू किया गया है।
उन्होंने मांग की है कि राजस्थान जैसे रेगिस्तान प्रधान प्रदेश जहां
आदिवासी, पहाड़ी एवं मरू स्थलीय क्षेत्रों में छितराई हुई आबादी अधिक है,
वहां सर्व शिक्षा अभियान के मापदंडों में शिथिलता प्रदान की जानी चाहिए।
मेघवाल ने बताया प्रदेश में स्कूलों की मेंपिग का काम भी किया जा रहा है
जिससे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विघालय किस क्षेत्र में खुलने चाहिए इस
कार्य में मदद मिल सकेगी।
मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कहा है कि राज्य में अगले तीन माह में
शिक्षकों के 50 हजार खाली पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। उन्होंने
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जन-जागरूकता और सामुदायिक प्रयासों को
बढ़ावा देने के मकसद से प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 11 नवंबर से शुरू किए जा
रहे ‘शिक्षा का हक’ राष्ट्रीय अभियान की सफलता के लिए प्रदेश की ओर से
पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया है।
बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की
अध्यक्षता में ‘शिक्षा का हक’ अभियान के संबंध में जन-जागरूकता एवं
सामुदायिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित शिक्षा मंत्रियों के
सम्मेलन में मेघवाल ने बताया कि देश में शिक्षा का अधिकार कानून को लागू
करने वाला राजस्थान अग्रणी प्रदेश है।
‘चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे अभियान’ चला कर स्कूलों में नहीं जा रहे 6 से 14
वर्ष के चिन्हित किए गए 12 लाख बच्चों में से 9 लाख बच्चों को स्कूलों में
भेजना शुरू किया गया है।
उन्होंने मांग की है कि राजस्थान जैसे रेगिस्तान प्रधान प्रदेश जहां
आदिवासी, पहाड़ी एवं मरू स्थलीय क्षेत्रों में छितराई हुई आबादी अधिक है,
वहां सर्व शिक्षा अभियान के मापदंडों में शिथिलता प्रदान की जानी चाहिए।
मेघवाल ने बताया प्रदेश में स्कूलों की मेंपिग का काम भी किया जा रहा है
जिससे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विघालय किस क्षेत्र में खुलने चाहिए इस
कार्य में मदद मिल सकेगी।