वीरेन पराशर, धर्मशाला। प्रदेश सरकार की वर्षा के जल को संजोने की
मुहिम पर पानी फेरना सरकारी स्कूलों के लिए महंगा साबित हो सकता है। सरकार
ने उच्च शिक्षा विभाग से स्कूलों में रेन हार्वेस्टिंग टैक निर्माण की
रिपोर्ट तलब की है। इस बाबत निदेशालय ने उपनिदेशक कार्यालय को पांच दिन में
यह जानकारी जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं।
हैरानी यह कि जिला कांगड़ा में इस योजना को कार्यान्वित करने में
स्कूलों ने कोई रुचि नहीं दिखाई है। जिले में 405 वरिष्ठ एवं उच्च
विद्यालयों में से महज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अमनी है, जिसमें
रेन हार्वेस्टिंग टैंक बना है। इसके अतिरिक्त अन्य स्कूलों में कार्य चल
रहा है या फिर शुरू ही नहीं हो पाया है। उधर, उपनिदेशक पी सोनम ने कहा है
कि रेन हार्वेस्टिंग टैंक के विषय में स्कूल कार्यालय को सूचना भेजे। जिसे
निदेशालय को भेजा जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूलों से विभाग-जवाब तलब
करेगा।
विभाग को अधूरी सूचना भेजने वाले सीसे स्कूल
एरला, अमनी, औंद, बगली, बहादपुर, बैजनाथ, बालकरुपी, बल्लाह, बनूरी, बनखंड़ी, बरवाला,
बसंतपुर,बठरा, भडवार, भाली, भरमाड़, भटोली फकोरियां, भौरा, विंद्रावन,
बीड़, बोदा, वरंडा, बंदला, चच्चियां, चनौर, चड़ी, डाडासीबा, डाढ़, डाहकुलाड़ा,
दरीणी, दाड़ी, दौलतपुर, देहरा, दियोल, धलूं, धमेटा, धर्मशाला ब्वायज,
धर्मशाला गर्ल्ज, धाटी, धीरा, ढुगियारी, दियाणा, डरोग, फतेहपुर, फरसेटगंज,
गंगथ, गनोह, घनियारा, घरोह, घाड़ जरोट, घिरथौली, ग्वालटिक्कर, गुगलाड़ा,
हारचक्कियां, हरिपुर, हरसर, हौरी देवी, इंदौरा, जयसिंहपुर, जालग, जसूर,
ज्वालामुखी, जवाली, कलियाड़ा, कंडी, कंडी धोलरां, कनोल, कौणा, कोठार
रानीताल, कोठी कोहड़, कोटला बेहड़, कोटलू, कृष्णानगर, कुठेड़, लदोड़ी, लाहट,
लाहड़ू, मलाहड़ी, मंदल, मसरुर, मतलाहड़, मस्तेहड़, मिंझग्रां, मोहटली, मूहल,
नगरोटा बगवां, नगरोटा सूरियां, नंदरुल, पाहड़ा, पाईसा, पालमपुर, पलौड़ा,
पपरोला, पासू,पठियार, पीरसलूही, पुराना कांगड़ा, रैत, राजा का तालाब, राजल,
रझूं, रजियाणा, रजियाणा बंड, राजोल, राजपुर, रक्कड़, रैहन, रे, सदवां, सकरी,
समलोटी, सन्हूं, संसाई, सिहोरपाई, सेराथाना, स्यूल, शाहपुर, सिद्धपुर
घाड़, सिल्ह, सुक्कड़, सुलह, सुन्ही, टंगनरवाणा, ठाकुरद्वारा, थुरल, तियारा,
टिहरी।
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डिफाल्टर सीसे स्कूल
अवेरी, आलमपुर, अमलेला, अटियालादाई, बच्छवाई, बडंज, बडलठोर, बालूग्लोआ,
बरियाल, बरोह, बाथू टिपरी, भड़ोली कोहाला, भवारना, भोग्रवां, भुलाणा, वोह,
बौहड़क्वालू, चढि़यार, डैंकवां, डरोह, ढलियारा, धूपक्यारा, दुरगेला,
गदियाड़ा, गाहलियां, गंदड़, गढ़जमूला, घमरुर, घराणा, घीण, ग्योरा, हटली,
जसाई, कच्छियारी, कंडवाड़ी, कंडवाल, करेरी, कड़ोआ, खन्नी, खटियाड़, खुंडियां,
क्यारवां, कोसरी, कोटला, कोटला बेहड़, कुटियारा, लग बलियाणा, लगरु, लाहला,
लंनौद, लोधवां, लोहारड़ी, लंज, महादेव, मझीण, मकोल, मकड़ोली, मनेई, मसरुर,
मूंढी, नाहलियां, नलसूहा, नंगल, नौरा, नूरपुर, नुरपुर गर्ल्ज, पालमपुर
गर्ल्ज, पपलाह, परगोड, परौर, परागपुर, रक्कड पालमपुर, सद्दू बड़ग्रां,
सकरी, सकरी पालमपुर, सलोल, सलेटी, समलोटी, संघोल, संसाई, संसारपुर टैरेस,
सरीमलोग, सेहवां, सथाना, सिहोरबाला, सुल्याली, तंबेड़, थिल, त्रिलोकपुर,
अप्पर कोठियां, उतराला, जमानाबाद।
अधूरी सूचना देने वाले उच्च विद्यालय
डागला, इच्छी, जलाड़ी, केबी धर्मशाला, कनेड, कस्वा नरवाणा, खरेट।
163 उच्च विद्यालय भी डिफाल्टर
जिले के 170 में से 163 उच्च विद्यालय भी डिफाल्टर सूची में डाले गए हैं। विभाग को इन विद्यालयों ने कोई भी सूचना नहीं भेजी है।
31 मार्च तक था निर्माण का समय
सरकारी स्कूलों में 31 मार्च 2011 तक रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनाने का
समय दिया गया था, लेकिन मार्च के बाद सितंबर तक छह माह बीतने पर भी स्कूल
इस दिशा में कोई ठोस कदम नहींउठा पाए हैं। टैंक बनाने को उपायुक्त, मनरेगा
एवं कॉमन पूल से उन्हें पैसा मंजूर किया गया है।
निदेशालय ने यह मांगी है रिपोर्ट
रिपोर्ट में टैंक का पूर्ण निर्माण, कार्य चल रहा, शुरू करने की
प्रक्रिया, टैंक का बजट, बजट अदा करने की संस्था के बारे में स्कूलों को
जानकारी देनी होगी। रिपोर्ट को सरकार को सौंपा जाएगा, जिस पर आगामी चर्चा
होगी।