उत्तर बिहार के नदियों के जलस्तर में काफ़ी वृद्धि हुई है. बागमती, लखनदेई,
बूढ़ी गंडक, गंढक व अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि
जारी है.
बागमती नदी डूब्बा घाट, ढ़ेंग,कटौझा व बेनीबाद में खतरे के निशान से ऊपर
बहने लगी है. मंगलवार को नेपाल द्वारा वाल्मीकि नगर बैराज में एक लाख 44
हजार आठ सौ क्यूसेक पानी छोडा गया. नेपाल द्वारा पानी छोडे जाने का सिलसिला
जारी है. जिससे एक बार और उत्तर बिहार में बाढ़ का संकट उत्पन्न हो गया
है.
तीन सौ घरों में घुसा पानी
गायघाट में तेज बारिश के कारण बागमती नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि
हो रही है. प्रखंड के पूर्वी हिस्से में तटवर्ती इलाकों के गांवों में बाढ़
का पानी प्रवेश कर गया है. हरपुर, डुमरावां, साठा, कल्याणी, रमपटी, कोदई
गांव के करीब तीन सौ घरों में पानी घुस गया है. वहीं हरीपुर, साठा, कल्याणी
गांव में करीब दो माह से पानी जमा रहने के कारण नारकीय स्थित बन गयी है.
गंदगी व दरुगध के कारण बीमारी फ़ैलने की आशंका बढ़ गयी है.
केवटसा, मिश्रौली, फ़कीरत किया, भटगावां, तुर्कटोलिया, रमौली व बरूआरी
में बाढ़ का पानी फैला हुआ है. बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि से बलौर
मध्य विद्यालय, रमपटी पासवान टोला, हरीपुर के समीप भीषण कटाव जारी है. सीओ
भरत भूषण ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने
राजस्व कर्मचारी को बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची उपलब्ध कराने को कहा
ताकि अविलंब राहत वितरण कराया जा सके.