देश में कृषि उत्पादों के भंडारण, ढुलाई, कीट, बीमारियों के चलते हर
वर्ष 60 से 80 हजार करोड़ रूपये का खाद्यान्न नष्ट हो जाता है। इसलिए कृषि
वैज्ञानिक ऐसे तकनीके इजाद करें जिससे अनाज की पोस्ट हार्वेस्ट क्षति को
रोका जा सके।
यह चिंता जताते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएस खोखर
ने देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्षा पर निर्भर शुष्क क्षेत्रों
के लिए विशेष कार्य योजना लागू करने तथा कृषि उत्पादों की पोस्ट हार्वेस्ट
क्षति रोकने का आहवान किया है।
डॉ. खोखर विवि में आयोजित राज्य स्तरीय कृषि अधिकारी कार्यशाला का
उदघाटन करने के बाद अधिकारियों केा संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश
में 60 प्रतिशत क्षेत्र असिंचित है तथा इसका कुल कृषि उत्पादन में केवल 40
प्रतिशत योगदान है जिसमें और वृद्धि करने की भारी संभावना है। उन्होंने
गिरते भूजल-स्तर, तापमान में वृद्धि तथा बढ़ते जैविक व अजैविक दबावों की ओर
वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित करते हुए उनसे इन चुनौतियों से निपटने के
लिए कारगर कृषि प्रौद्योगिकी विकसित करने की अपील की।