धान की बाली में दाना नहीं

किसानों की बढ़ी निराशा, भविष्य की सता रही चिंता
मुजफ्फरपुर : बोचहां के बेल पटगछिया गांव के रामवचन ठाकुर की बेचैनी बढ़
गयी है. बड़ी आस से रामवचन ने चार बीघे में राजेंद्र-1 भगवती धान लगाया था.
फ़सल ठीक हुई. धान के पेड़ की लंबाई भी अच्छी आयी. हरियाली भी खूब है. बाल
भी बड़ी-बड़ी निकली, लेकिन उसमें दाना नहीं है. हरी बालियां अंदर दाना
होने के कारण सूखने लगी हैं.

ऐसा पहली बार हुआराम
वचन के अलावा गांव के शिवजी महतो, रामदेव राय व मनोज राय ने भ4ी राजेंद्र-1
भगवती धान लगाया है. इनके खेतों में अभी बाली नहीं आयी है, लेकिन इन्हें
भी चिंता सताने लगी है. मनोज कहते हैं, ऐसा पहले गांव में कभी नहीं हुआ.
अगर धान की बाली में दाना नहीं आया, तो हम लोगों की पूंजी ही डूब जायेगी.

एक हजार में लिया बीज
रामवचन ठाकुर कहते हैं, राजेंद्र-1 भगवती का बीज बिहार राज्य निगम से खरीदा
था. अहियापुर के बाजार समिति में निगम का ऑफ़िस है, वहीं से एक हजार में
बीज मिला था, लेकिन रसीद नहीं दी गयी.

सिर्फ़ रजिस्टर पर हस्ताक्षर करवाया गया और कहा गया कि रसीद बाद में ले
लीजियेगा. राम वचन कहते हैं, एक बीघे धान की खेती करने में लगभग दस हजार
रुपये खर्च हुए थे.
– प्रभात कुमार –

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