नोएडा में देश की सबसे बड़ी लैंड डील

देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कामर्शियल लैंड डील ‘सिटी सेंटर’ पंजीकृत होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वेब मेगासिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने इसकी रजिस्ट्री के लिए 367.56 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क जमा कर दिया है। रजिस्ट्री विभाग के इतिहास में किसी एक डील पर सबसे ज्यादा राजस्व मिलने का रिकॉर्ड बना है। रजिस्ट्री विभाग में इसके दस्तावेज तैयार हो रहे हैं। अगले दो दिन में इसकी रजिस्ट्री हो जाएगी।

वेब इंफ्रास्ट्रक्चर ने सेक्टर 32 और 25ए स्थित सिटी सेंटर की 6.18 लाख वर्ग मीटर की कामर्शियल लैंड बीते मार्च महीने में प्राधिकरण से खरीदी थी। करीब 6569 करोड़ रुपये की यह डील देश के सबसे बड़ी प्राइवेट कामर्शियल डील बताई जा रही है। मेगासिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर हो रही रजिस्ट्री के लिए कंपनी ने 367.56 करोड़ रुपये जिला कोषागार में ड्राफ्ट के जरिए जमा कर दिया है। ज्यादा रकम होने के चलते ड्राफ्ट के जरिए कोषागार में जमा कर दिया है। अब स्टांप प्रमाणपत्र के साथ दो दिन में इसकी रजिस्ट्री हो जाएगी। कंपनी के अधिकारियों ने रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों को यह जानकारी दी है।

विभाग के अधिकारी कहते हैं कि अब तक प्रदेश में इतनी बड़ी डील रजिस्टर्ड नहीं हुई है जिससे एकमुश्त इतना राजस्व मिला हो। जानकारी के मुताबिक यह पूरी जमीन मल्टीपल लैंड यूज में आएगी। यहां पर मॉल, सिनेमाघर, एंटरटेनमेंट सेंटर, बैंक स्ट्रीट्स, हेल्थ क्लब, हॉस्पिटल, क्लीनिकल के साथ-साथ कारपोरेट घरानों के कार्यालय खुलेंगे।

गदगद हैं रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी
सबसे बड़ी डील की रजिस्ट्री होने से रजिस्ट्री विभाग के अधिकारी गदगद हैं। यह राजस्व सब रजिस्ट्रार प्रथम व तृतीय के खाते में जुड़ेगा। ये अधिकारी भी मानते हैं कि सिटी सेंटर की रजिस्ट्री होने से राजस्व लक्ष्य के तनाव से काफी राहत मिली है। ध्यान रहे कि हाल में शासन ने जिला गौतमबुद्धनगर का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2011-12 में 1215 करोड़ रुपये तय किया गया था, जिसे बढ़ाकर अब 1767 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

‘सिटी सेंटर की जमीन की रजिस्ट्री के लिए बतौर स्टांप शुल्क कंपनी द्वारा ट्रेजरी में 367.56 करोड़ रुपये के भुगतान कर दिया गया है। अगले एक-दो दिन में कंपनी के अधिकारी रजिस्ट्री कराने आ सकते हैं।’
वीडी शर्मा
डीआईजी, स्टांप

नोएडा में अब तक हुए दूसरे बड़े सौदे
देश की सबसे बड़े जमीन के सौदों में सिटी सेंटर के अलावा शहर की तीन बड़ी डील शामिल हैं। बीते 28 मार्च को प्राधिकरण ने स्पोर्ट्स सिटी सेक्टर-79 और 105 का 1833 करोड़ में सौदा किया। सेक्टर-79 को लॉजिक्स और सेक्टर-105 को जेएस प्राइवेट लिमिटेड ने खरीदा। इससे पहले साल 2008 के अगस्त महीने में सेक्टर-94 की 95 एकड़ जमीन के लिए बीपीटीपी ने सबसे बड़ी बोली लगाई। यह जमीन 5006 करोड़ रुपये में बिकी, लेकिन बाद में मंदी आने के कारण कंपनी ने एक चौथाई हिस्सा ही खरीदा। 23 मई 2006 को यूनिटेक ने आवासीय टाउनशिप के लिए नोएडा के सेक्टर 96, 97 और 98 में 1583 करोड़ रुपये में खरीदी 340 एकड़ जमीन।

अब तक देश की जमीनों के बड़े सौदे
-4 मई 2006 को मुंबई में नेपियनसी रोड स्थित एनटीसी का मोरारका बंगला 170 करोड़ रुपयेमें बिका।
-12 जुलाई 2006 को गाजियाबाद के नया बस अड्डा के पास नेहरू विकास मीनार की नीलामी 100 करोड़ रुपये में।
-6 अगस्त 2006 को ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों ने मिलकर एकमुश्त 290 एकड़ जमीन 1640 करोड़ रुपये में खरीदी।
-7 दिसंबर 2006 में डीडीए के रोहिणी स्थित व्यावसायिक प्लॉट की नीलामी 231 करोड़ रुपये में।
-18 फरवरी 2007 को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर पांच बिल्डरों ने हाउसिंग सोसायटी के लिए 300 एकड़ जमीन 2550 करोड़ रुपये में खरीदी।
-25 मई 2010 को रीयल स्टेट कंपनी लोढ़ा ग्रुप ने मुंबई के बडाला में 25 हजार वर्ग मीटर का एक भूखंड 4050 करोड़ रुपये में खरीदा। यह सौदा सौ मंजिला आईकॉनिक टावर के लिए किया गया था।

—अरविंद सिंह

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