भोपाल। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की समर्थक एवं आरटीआई कार्यकर्ता
शहला मसूद की गत 16 अगस्त को उनके घर के सामने हुई कथित हत्या का कोई
महत्वपूर्ण सुराग मिलने का दावा भोपाल पुलिस ने किया है।
पुलिस महानिरीक्षक [आईजी] विजय यादव ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की
है कि इस मामले से जुड़ा एक अहम गवाह जाच दल को मिला है। उन्होने कहा कि अब
तक की जाच में मिले तथ्यों से साफ है कि शहला की हत्या की गई थी। उन्होंने
माना कि इससे जाच की दिशा तय करने में पुलिस को काफी मदद मिलेगी। हालांकि
यादव ने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जाच दल ने मामले में शहला के परिवारजनों और
पड़ोसियों के बयान दर्ज किए हैं। इसी दौरान पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले
हैं, लेकिन पुलिस अधिकारी साफ तौर पर कुछ नहीं बता रहे हैं। पुलिस ने लगभग
पचास ऐसे लोगों के भी बयान लिए हैं, जो घटना के दो दिन पहले से शहला के
संपर्क में थे।
पुलिस को हालाकि हत्या का मकसद पता नहीं चल पाया है और वरिष्ठ पुलिस
अधीक्षक [एसएसपी] योगेश चौधरी का कहना है कि हत्यारे का मकसद क्या था, इस
पर हमारी अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। अभी कोई नतीजा नहीं निकला है।
उल्लेखनीय है कि शहला की गत 16 अगस्त की सुबह उनके निवास पर उस समय
अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वे अन्ना हजारे के आदोलन
में शामिल होने के लिए यहा बोट क्लब जाने के उद्देश्य से कार की ड्राइविंग
सीट पर बैठ रही थीं। उस दौरान किसी ने गोली चलने की आवाज तक नहीं सुनी और न
ही किसी ने हमलावरों को देखा।
इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रकरण में उन लोगों का हाथ
हो सकता है जिनके बारे में वह सूचना के अधिकार [आरटीआई] के तहत सरकार से
जानकारिया निकाल रही थीं। कुछ स्थानीय अखबारों ने इस मामले में अपराध
विज्ञान विशेषज्ञों के हवाले से आत्महत्या की आशका भी जाहिर की थी, जिस वजह
से राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह राहुल एवं खुद शहला के
पिता सुल्तान मसूद ने राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जाच कराने की माग की
थी।
इस पर राज्य सरकार ने गत 18 अगस्त को मामला सीबीआई को देने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करने का निर्णय लिया था।