राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों उजागर कर इसमे लोकसेवकों को बेनकाब
करने वाले आम लोगों को 50 हजार तक की पुरस्कार राशि प्रदान करेगी।
लोकसेवकों के दायरे में विधायक, सांसद व अधिकारी सभी आते हैं। पुरस्कार
प्रदान करने के लिए गुप्त सेवा कोष व पुरस्कार कोष का निगरानी विभाग में
गठन हो चुका है।
मंगलवार को जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री मोदी
ने कहा कि कि एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के मोर्चे पर पहले से काम कर रही है।
लोगों को भी इस दैत्य के सफाये में सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि
भ्रष्टाचार के मामलों की सुनवाई के लिए छह विशेष कोर्ट बनाये गये हैं।
गवाहों को आने-जाने का खर्च अर्थात बस भाड़ा अथवा द्वितीय श्रेणी एसी स्लीपर
का किराया दिया जायेगा। इसके अलावा उन्हें भोजनादि के लिए दो दिनों तक दो
सौ रुपये रोज देने का प्रावधान किया गया है।
श्री मोदी ने कहा कि पूर्व से बने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की
धारा 13 के तहत आय से अधिक संपत्तिके 87 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें 19
मामलों में संपत्तिजब्त करने के लिए विशेष अदालत में मुकदमा किया गया है।
इनमें 23.22 करोड़ की संपत्तिनिहित है।
श्री मोदी ने बताया कि आय से अधिक संपत्तिमामले में छानबीन कर जब्ती की
कार्रवाई की जा रही है। पांच केस में कोर्ट ने संपत्तिजब्त करने का आदेश
दिया। उनमें तीन लोग अपील में सर्वोच्च न्यायालय में गये जिनमें आईएएस
एस.एस.वर्मा, सहायक पटना कोषागार गिरीश वर्मा व परिवहन विभाग के प्रवर्तन
अवर निरीक्षक कपिलमुनि राय शामिल हैं। आईएएस वर्मा की अपील खारिज हो गई।
उन्हें एक माह में अंदर अपनी संपत्तिसरकार को सुपुर्द करनी है अन्यथा सरकार
उसे जब्त करने को स्वतंत्र है।
श्री मोदी ने बताया कि ट्रैप केस में रिश्वत दी जाने वाली राशि की वापसी
में संबंधित व्यक्ति को पैसे वापस करने में समय लगता था। अब त्वरित
क्षतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है। 2008 से 26 जुलाई 2011 तक 462 ट्रैप
केसों में 520 व्यक्ति गिरफ्तार किये गये हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा आवास योजना राशि में बिचौलियों की
घपलेबाजी पर रोक लगाने के लिए मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में राशि लाभान्वितों
के खाते में जमा की जायेगी। 27 अगस्त को इस हेतु हर जिले में कैंप लगेंगे।
राज्यों के वित्तामंत्रियों की जीएसटी समिति के अध्यक्ष श्री मोदी ने
कहा कि अनेक राज्यों ने जीएसटी बिल का विरोध किया है, लिहाजा केंद्र इस
कानून से होने वाले नुकसान की प्रदेशों को भरपाई करे। उक्त बिल संसद के
स्टैंडिंग काउंसिल के पास विचाराधीन है।