हिसार. मंडी आदमपुर.
आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे
खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं
करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती।
वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान
केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा
कि किसान आज कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। हम आंकड़ों में विकास कर रहे
हैं, लेकिन धरातल पर नहीं। सरसंघचालक ने गौशाला का महत्व बताते हुए कहा कि
गौशालाएं केवल गायों के रखने का स्थल ही नहीं, बल्कि औषधियों का खजाना
हैं।
गाय हमारा राष्ट्रीय प्राणी नहीं बल्कि प्राण है जो पर्यावरण, स्वास्थ्य,
ऊर्जा, उर्वरक, औषधियों का भंडार है। आज गौशाला को अनुसंधान केंद्र के रूप
में विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने किसानों को घर में गाय रखने की अपील
की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान यदि अपने घर में गाय का पालन करे तो
गाय के मूत्र और गोबर से बनने वाली खाद का प्रयोग खेतों में करे तो उसका
जीवन स्तर कुछ ही वर्षो में ऊंचा उठ सकता है। आज अफ्रीका के लोग हमारी
प्राचीन कृषि पद्धति को अपना रहे हैं।
पश्चिम के वैज्ञानिक हैरान है कि भारत देश में पिछले 10 हजार साल से खेती
होने के बाद भी यहां की जमीन बंजर क्यों नहीं हुई। इसका मूल कारण यहीं है
कि हमारे पूर्वजों ने कभी भी खेतों में रसायन का प्रयोग नहीं किया। गोबर से
प्राप्त खाद से धरती को उर्वर बनाए रखा। आज देश के किसानों को रसायन से
बचाने की आवश्यकता है।
विदेशी कंपनियां सरकार को प्रलोभन देकर भारत के किसान को अपना ऐसा उत्पाद
बेच रही है जो क्षणिक लाभ देकर वर्षो का जख्म देने वाले है। कीटनाशक के
प्रयोग के कारण हमारे भोजन से शरीर में जहर जाता है। इसके चलते देश में
कैंसर जैसे रोग दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। कार्यक्रम में ज्ञानानंद
महाराज ने कहा कि गौ ग्रास की पद्धति आज प्रत्येक गृहस्थ को अपनाना चाहिए।
उन्होंने हरियाणा के मेवात क्षेत्र में निरंतर हो रही गोकशी को लेकर चिंता
व्यक्त की।
इससे पूर्व मंत्रोचारण व शंखनाद के साथ मोहनराव भागवत ने श्रीकृष्ण गौशाला,
गौ संवर्धन एवं गौ अनुसंधान केंद्र का विधिवत रूप से शिलान्यास किया।
उन्होंने भूखंड प्रदाता स्व. चौ.फतेहचंद महता की धर्मपत्नी हरबंस कौर को
श्रीफल व शाल भेंट कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर कुंज बिहारी गर्ग व
इंद्रसेन राठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मेजर करतार सिंह, प्रो. केसी अरोड़ा, क्षेत्रीय प्रचारक रामेश्वर, सीता राम
ब्यास, कृष्ण सिंगल, सुधीर कुमार, देवप्रसाद भारद्वाज, विजय शर्मा, भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर, कैप्टन अभिमन्यु,रामबिलास शर्मा, वीर
कुमार यादव, महावीर, एमएस पानू, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. योगेश बिदानी,
प्रो.कृष्ण रिणवा, जयपाल बेंदा, मुनीश ऐलावादी, सुशील सदल-पुरियां,
शंकरलाल, कांतिलाल, उमेद सोनी, सतवीर जांगू सहित अनेक लोगों ने कार्यक्रम
में शिरकत की।
आरएसएस के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि सरकार के विकास के सभी दावे
खोखले हैं। यदि सही मायने में देश में विकास होता तो किसान आत्महत्या नहीं
करते। आजादी के 60 साल बाद देश में भुखमरी नहीं होती।
वे बुधवार शाम गांव काबरेल में श्रीकृष्ण गौशाला, गौ संवर्धन एवं अनुसंधान
केंद्र के शिलान्यास के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा
कि किसान आज कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। हम आंकड़ों में विकास कर रहे
हैं, लेकिन धरातल पर नहीं। सरसंघचालक ने गौशाला का महत्व बताते हुए कहा कि
गौशालाएं केवल गायों के रखने का स्थल ही नहीं, बल्कि औषधियों का खजाना
हैं।
गाय हमारा राष्ट्रीय प्राणी नहीं बल्कि प्राण है जो पर्यावरण, स्वास्थ्य,
ऊर्जा, उर्वरक, औषधियों का भंडार है। आज गौशाला को अनुसंधान केंद्र के रूप
में विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने किसानों को घर में गाय रखने की अपील
की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान यदि अपने घर में गाय का पालन करे तो
गाय के मूत्र और गोबर से बनने वाली खाद का प्रयोग खेतों में करे तो उसका
जीवन स्तर कुछ ही वर्षो में ऊंचा उठ सकता है। आज अफ्रीका के लोग हमारी
प्राचीन कृषि पद्धति को अपना रहे हैं।
पश्चिम के वैज्ञानिक हैरान है कि भारत देश में पिछले 10 हजार साल से खेती
होने के बाद भी यहां की जमीन बंजर क्यों नहीं हुई। इसका मूल कारण यहीं है
कि हमारे पूर्वजों ने कभी भी खेतों में रसायन का प्रयोग नहीं किया। गोबर से
प्राप्त खाद से धरती को उर्वर बनाए रखा। आज देश के किसानों को रसायन से
बचाने की आवश्यकता है।
विदेशी कंपनियां सरकार को प्रलोभन देकर भारत के किसान को अपना ऐसा उत्पाद
बेच रही है जो क्षणिक लाभ देकर वर्षो का जख्म देने वाले है। कीटनाशक के
प्रयोग के कारण हमारे भोजन से शरीर में जहर जाता है। इसके चलते देश में
कैंसर जैसे रोग दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। कार्यक्रम में ज्ञानानंद
महाराज ने कहा कि गौ ग्रास की पद्धति आज प्रत्येक गृहस्थ को अपनाना चाहिए।
उन्होंने हरियाणा के मेवात क्षेत्र में निरंतर हो रही गोकशी को लेकर चिंता
व्यक्त की।
इससे पूर्व मंत्रोचारण व शंखनाद के साथ मोहनराव भागवत ने श्रीकृष्ण गौशाला,
गौ संवर्धन एवं गौ अनुसंधान केंद्र का विधिवत रूप से शिलान्यास किया।
उन्होंने भूखंड प्रदाता स्व. चौ.फतेहचंद महता की धर्मपत्नी हरबंस कौर को
श्रीफल व शाल भेंट कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर कुंज बिहारी गर्ग व
इंद्रसेन राठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मेजर करतार सिंह, प्रो. केसी अरोड़ा, क्षेत्रीय प्रचारक रामेश्वर, सीता राम
ब्यास, कृष्ण सिंगल, सुधीर कुमार, देवप्रसाद भारद्वाज, विजय शर्मा, भाजपा
प्रदेशाध्यक्ष कृष्ण पाल गुर्जर, कैप्टन अभिमन्यु,रामबिलास शर्मा, वीर
कुमार यादव, महावीर, एमएस पानू, डॉ. कमल गुप्ता, डॉ. योगेश बिदानी,
प्रो.कृष्ण रिणवा, जयपाल बेंदा, मुनीश ऐलावादी, सुशील सदल-पुरियां,
शंकरलाल, कांतिलाल, उमेद सोनी, सतवीर जांगू सहित अनेक लोगों ने कार्यक्रम
में शिरकत की।