पटना।
बिहार में बाहर की कंपनियों को हर हालत में बिहारी मजदूरों से ही काम लेना
होगा। बिहारी मजदूरों की अनदेखी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। यह बात मंगलवार
को राज्य के श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने सहयोग
कार्यक्रम के दौरान कही।
मामला बिहार में ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी अभिजीत ग्रुप से
जुड़ा हुआ था। भाजपा के कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया था कि कंपनी स्थानीय
मजदूरों को काम नहीं दे रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने
कंपनी के सीईओ अरुण गुप्ता को फोन लगाने का निर्देश अपने कार्यालय को दिया।
उन्होंने कार्यकर्ता को आश्वस्त किया कि बिहारी मजदूरों के साथ नाइंसाफी
नहीं होगी। श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि राज्य में ईएसआईसी अब आंदोलन के
रूप में बदल रहा है। किसी भी जिला में ईएसआईसी के स्मार्ट कार्ड धारकों की
संख्या एक लाख से कम नहीं है। केवल छपरा में 2.86 लाख कार्ड धारक मौजूद
हैं।
उन्होंने दावा किया कि ईएसआईसी से जुड़े लोगों को धन की कमी नहीं होगी।
सहयोग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की मौजां ही मौजां
सहयोग कार्यक्रम में श्रम संसाधन मंत्री कार्यकर्ताओं की हर मुराद पूरी
करते नजर आए। मंगलवार को लगे सहयोग कार्यक्रम में सोनू कुमार बीबीए
पाठ्यक्रम में पैरवी के लिए पहुंचा। वहीं बक्सर से आए एक कार्यकर्ता को
पिस्तौल के लिए मंत्री जी की चिट्ठी चाहिए थी। जबकि कस्तूरबा बालिका उच्च
विद्यालय रक्सौल के प्राचार्य अपने ही एक सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई चाहते
थे। इसके अलावा अरवल जिला के सोनभद्र, वंशी और सूरजपुर प्रखंड से आए
कार्यकर्ता वहां इंदिरा आवास आवंटन की जांच की मांग की। मंत्री जी ने दरबार
में आए किसी भी कार्यकर्ता को मायूस नहीं किया। लगभग सभी कार्यकर्ताओं को
मंत्री जी की सिफारिशी चिट्ठी जरूर हाथ लगी।
बिहार में बाहर की कंपनियों को हर हालत में बिहारी मजदूरों से ही काम लेना
होगा। बिहारी मजदूरों की अनदेखी सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। यह बात मंगलवार
को राज्य के श्रम संसाधन मंत्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने सहयोग
कार्यक्रम के दौरान कही।
मामला बिहार में ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी अभिजीत ग्रुप से
जुड़ा हुआ था। भाजपा के कार्यकर्ता ने यह आरोप लगाया था कि कंपनी स्थानीय
मजदूरों को काम नहीं दे रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने
कंपनी के सीईओ अरुण गुप्ता को फोन लगाने का निर्देश अपने कार्यालय को दिया।
उन्होंने कार्यकर्ता को आश्वस्त किया कि बिहारी मजदूरों के साथ नाइंसाफी
नहीं होगी। श्रम संसाधन मंत्री ने बताया कि राज्य में ईएसआईसी अब आंदोलन के
रूप में बदल रहा है। किसी भी जिला में ईएसआईसी के स्मार्ट कार्ड धारकों की
संख्या एक लाख से कम नहीं है। केवल छपरा में 2.86 लाख कार्ड धारक मौजूद
हैं।
उन्होंने दावा किया कि ईएसआईसी से जुड़े लोगों को धन की कमी नहीं होगी।
सहयोग कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं की मौजां ही मौजां
सहयोग कार्यक्रम में श्रम संसाधन मंत्री कार्यकर्ताओं की हर मुराद पूरी
करते नजर आए। मंगलवार को लगे सहयोग कार्यक्रम में सोनू कुमार बीबीए
पाठ्यक्रम में पैरवी के लिए पहुंचा। वहीं बक्सर से आए एक कार्यकर्ता को
पिस्तौल के लिए मंत्री जी की चिट्ठी चाहिए थी। जबकि कस्तूरबा बालिका उच्च
विद्यालय रक्सौल के प्राचार्य अपने ही एक सहयोगी के खिलाफ कार्रवाई चाहते
थे। इसके अलावा अरवल जिला के सोनभद्र, वंशी और सूरजपुर प्रखंड से आए
कार्यकर्ता वहां इंदिरा आवास आवंटन की जांच की मांग की। मंत्री जी ने दरबार
में आए किसी भी कार्यकर्ता को मायूस नहीं किया। लगभग सभी कार्यकर्ताओं को
मंत्री जी की सिफारिशी चिट्ठी जरूर हाथ लगी।