बाढ से हाहाकार, प्रदेश के 120 गांवों का जनजीवन अस्तव्यस्त

लखनऊ।
बाराबंकी तथा गोण्डा जिले में एल्गिन-चरसड़ी बांध और उसे बचाने के लिए बने
रिंग बांध के ध्वस्त हो जाने से बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है और
हालात जस के तस बने हुए हैं जबकि तेजी से बढ रहे घाघरा के जलस्तर से बहराइच
जिले के कई गांव बाढ से घिर गये।


बाराबंकी जिले के 12 बहराइच के 24 और गोण्डा के 80 गांवों और मजरों में
बाढ का पानी घुस आया था। आज इनकी संख्या बढकर करीब 120 से ऊपर पहुंच गयी
है।


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बाढ के पानी में कोई कमी नहीं आयी है1 बांध
की पूरे तौर पर मरम्मत के लिए पानी घटने का इंतजार किया जा रहा है1 बाढ
प्रभावितों के लिए खाने और दवा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है1 मवेशियों के
लिए लगातार चारे और भूसे की आपूर्ति की जा रही है।


नेपाल के बनबसा बैराज से कई चरणों में छोडे गए पानी और बरसात से उफनायी
घाघरा नदी के तेज बहाव से टूटे एल्गिन-चरसडी के मुख्य और रिंग बांध से बाढ
का पानी तटवर्ती गांवों में तेजी से घुस रहा है। बाढ की विभीषिका और एल्गिन
ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से अभी तक बढते रहने के कारण
लगभग तीन लाख की आबादी और डेढ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित होने की
आशंका बढ गई है।


गोण्डा के जिलाधिकारी रामबहादुर के अनुसार बाढ से प्रभावित ग्रामीणों को
सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ स्थापित ग्यारह बाढ चौकियों पर
नावों. लन्च पैकेट्स. दवाइयां और अन्य जरूरी राहत सामग्री उपलब्ध कराने के
साथ बचाव में राहतकर्मी जुटे हैं।


तरबगंज तहसील क्षेत्र में सरयू नदी के लाल निशान से ऊपर बहते रहने से
तटवर्ती करीब बीस गांवों को मिलाकर गोण्डा जिले की दो तहसीलों कर्नलगंज और
तरबगंज क्षेत्रों के लगभग 200 से अधिक मजरों में बाढ का कहर जारी है1
भिखारीपुर. सकरौद तटबंध की स्थिति पानी के दबाव से नाजुक होती जा रही है।


बाढ से प्रभावित क्षेत्रों में दूषित जल से संक्रामक रोग तेजी से फैल
रहे है1 इसको लेकर पीडितों में आक्रोश व्याप्त है1 बीमारियों के इलाज के
लिए स्वास्थ्य विभाग की सचल टीमें लगी हैं1 हल्धर मऊ विकास खंड के भटनइया
और भरसडा गांव के पास तरबगंज शाखा की सरयू नहर कट जाने से लगभग 250 बीघा
जलमग्न होकर क्षतिग्रस्त हो रही है।


बराइच से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार घाघरा नदी एल्गिनब्रिज पर खतरे के
निशान 56 सेंमी. उपर बह रही है 1 नदी का पानी आज करीब 24 गांवों में भर
गया। घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ रहा है। नदी में हो रहे कटान के कारण
चौहानपुरवा. करुपुरवा व गोडियनपुरवा का अस्तित्व खत्म हो चुका है। प्राथमिक
विद्यालय पिपरी व प्राथमिक विद्यालय अटोडर में पानी भर गया है1 बौंडी में
घाघरा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

 

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