जमीन से जुड़े मामलों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार और पूर्व नौकरशाह देवव्रत बंदोपाध्याय के साथ रमेश ने रविवार को दो घंटे चर्चा की।
रमेश ने कहा कि चर्चा लाभप्रद रही। उन्होंने कुछ मुद्दे उठाए हैं,जिन्हें स्पष्ट करना जरूरी है। पश्चिम बंगाल में भूमि नीति का मसौदा तैयार करने के लिए देवव्रत की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की दो सदस्यीय समिति गठित की गई है। रमेश ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के तहत निजी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं करने का प्रावधान है। लेकिन कुछ मामलों में सार्वजनिक उद्देश्यों जैसे बिजली संयंत्रों अथवा रेल अथवा बंदरगाह परियोजनाओं के लिए निजी कंपनियों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए अधिग्रहण किया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि मसौदा विधेयक को लोगों की राय जानने के लिए ऑनलाइन किया जा चुका है। रमेश से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि उन्होंने विधेयक के सभी प्रावधानों पर गौर नहीं किया है। लेकिन यह पहले के कानून से बेहतर है।