पीएम और न्यायपालिका लोकपाल में नहीं, लोकपाल को हटाने का अधिकार राष्ट्रपति के पास

नई दिल्ली. कैबिनेट ने गुरुवार को जिस लोकपाल बिल को मंजूरी दी है, उसके कुछ अहम प्रावधान ये हैं :  

-लोकपाल के दायरे से प्रधानमंत्री और न्‍यायपालिका बाहर।
-प्रधानमंत्री के पद से हटने के बाद ही उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
-सभी पूर्व प्रधानमंत्री लोकपाल के दायरे में होंगे।
-अध्यक्ष समेत लोकपाल को चुनने वाली समितित में नौ सदस्य।
-लोकपाल समिति का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट का मौजूदा या रिटायर जज होगा।
-समिति के चार सदस्य न्यायपालिका के होंगे। ये सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के मौजूदा या सेवानिवृत्त जज हो सकते हैं।
-समिति के अन्य सदस्यों के लिए सार्वजनिक जीवन में २५ सालों का अनुभव होना जरूरी। साफ छवि और उत्कृष्टता भी पैमाना।
-शिकायत करने के सात सालों तक लोकपाल कर सकते हैं संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई।
-राष्ट्रपति के पास होगा लोकपाल को हटाने का अधिकार।
-लोकपाल जिन लोगों को दोषी पाएगा, उनपर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत होगी कार्रवाई।

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