अन्ना हजारे की ओर से बुधवार को जारी अपील में कहा गया है कि यह केंद्र सरकार के लिए ऐतिहासिक मौका है। सख्त प्रावधानों वाला लोकपाल बिल संसद में पेश कर यह भ्रष्टाचार से तंग देशवासियों का समर्थन हासिल कर सकती है। साथ ही देश में भ्रष्टाचार के रोग को भी खत्म करने में अपनी ऐतिहासिक भूमिका दर्ज करा सकती है। अगर सरकार जान-बूझकर गलत प्रावधानों वाला बिल संसद में पेश करती है, तो मजबूरन उन्हें सरकार के खिलाफ अपना आदोलन शुरू करना होगा।
हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि कुछ साधारण मतभेद को लेकर अन्ना को कोई एतराज नहीं। ऐसा होने पर वह इसका फैसला पूरी तरह से संसद पर छोड़ने को तैयार हैं। उन्हें उम्मीद है कि किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधि जनभावना के खिलाफ कोई काम नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को टीम अन्ना के वरिष्ठ सहयोगी शातिभूषण ने लोकपाल साझा समिति के अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी को अपना वादा पूरा करने की याद दिलाई थी।