इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खोला समझौते का रास्ता

अमर उजाला ब्यूरो

नोएडा एक्सटेंशन भूमि अधिग्रहण पर मंगलवार को महाफैसले की उम्मीद लगाए लोगों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। अब इस मामले की सुनवाई 17 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट की बड़ी पीठ करेगी। दो जजों की पीठ ने मंगलवार को इस मामले को बड़ी पीठ में भेजने का निर्णय किया। अदालत ने किसानों और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के बीच समझौते का रास्ता भी खोल दिया है। किसानों को अदालत के बाहर समझौता करने का विकल्प देते हुए पीठ ने कहा कि यदि किसान अधिक मुआवजा चाहते हैं तो सरकार या नोएडा/ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी 12 अगस्त तक उनके प्रत्यावेदन का निस्तारण कर दे।

14 याचिकाओं पर ही हो सकी सुनवाई

 
मंगलवार को जस्टिस अमिताव लाला और जस्टिस अशोक श्रीवास्तव की पीठ में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ दाखिल करीब 200 याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी मगर अदालत सिर्फ पतवाड़ी गांव के किसानों की 14 याचिकाओं पर ही सुनवाई कर सकी। पतवाड़ी के किसानों की ओर से कहा गया कि संबंधित अधिग्रहण को हाईकोर्ट की एक खंडपीठ निरस्त कर चुकी है, इसलिए सरकार के पास इसके खिलाफ रिवीजन में जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। याचिका का विरोध करते हुए सरकार की ओर से कहा गया कि पतवाड़ी का मामला दो बार हाईकोर्ट की दो अलग-अलग खंडपीठों द्वारा खारिज किया जा चुका है और तीसरी बार एक खंडपीठ ने किसानों के पक्ष में फैसला दे दिया। ऐसे में सरकार के समक्ष यह दुविधा है कि वह किस फैसले को माने। अब इस मामले को बड़ी पीठ के समक्ष भेजने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।

निवेशकों को हल की उम्मीद

 
वहीं, पीठ ने कहा कि यूपी सरकार को बताना होगा कि उसने बार-बार अर्जेंसी क्लॉज के तहत भूमि अधिग्रहण क्यों किया, जबकि जमीन पर सालों बाद काम शुरू हुआ। अदालत ने किसानों की जमीन लेकर बिल्डरों को देने पर भी सवाल उठाए। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को इन सवालों के संतोषजनक जवाब बड़ी पीठ को देने होंगे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के किसानों को अदालत से बाहर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से समझौता करने का विकल्प देने से बिल्डरों और उनके यहां फ्लैट बुक कराने वाले लोगों में भी उम्मीद जगी है। उनका मानना है कि 12 अगस्त से पहले ही मामले में कोई हल निकल सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *