विपक्षी दलों ने मानव संसाधन विकास मंत्री पीके शाही व समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह की पुत्री, जदयू सांसद जगदीश शर्मा एवं भाजपा विधान पार्षद अशोक अग्रवाल के पुत्र व भाजपा के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह के एक रिश्तेदार को जमीन आवंटन में पक्षपात का आरोप कर सदन से लेकर सड़क तक हंगामा किया हुआ है। लेकिन मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट में इनको हुए जमीन आवंटन को पूरी तरह वैध बताया गया है। अव्वल तो पीके शाही की पुत्री उर्वशी शाही ने खुद के आवंटी होने से इंकार करते हुए इस बारे में लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान को कानूनी नोटिस दे रखी है। दूसरे आवंटी भी विपक्ष के आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
वहीं मंत्रियों व राजनीतिज्ञों के परिजनों ने इसे मानहानि का मामला बताते हुए संबंधित लोगों को कानूनी नोटिस भी भेजी है। मंत्रियों के परिजनों का कहना है कि बियाडा द्वारा कौड़ियों के भाव में जमीन नहीं दी गयी है, बल्कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। जिन्हें भी जमीन आवंटित हुई है उन्होंने तय राशि तो दी ही है साथ ही साथ नियमों का पालन भी किया है। मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट भी कमोबेश इसी आशय की है।