पटना.
बिहार में जमीन आवंटन में कथित धांधली को लेकर बुधवार को विपक्षी दलों ने
विधानसभा में जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार
स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे
की भी मांग की।
विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई,
विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। विधानसभा में विपक्षी दल केनेता अब्दुल
बारी सिद्दिकी ने कहा कि राज्य की जनता को लगने लगा है कि सरकार रसूखवालों
के लिए कुछ भी कर सकती है। इसलिए पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो
(सीबीआई) से करवाई जानी चाहिए। इससे कम कुछ भी मान्य नहीं होगा।
विपक्ष के पास कोई सुबूत नहीं : मंत्री
सदन के बाहर राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने पत्रकारों से
कहा कि विपक्ष के पास इस मामले में कोई सबूत नहीं है। विपक्ष एक भी सबूत
दे तब सीबीआई जांच की बात उठती है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मुख्य सचिव
अनुप मुखर्जी से पूरे मामले की जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट
मिलने के बाद ही वह इस मामले में कुछ कहेंगे। इसे लेकर मंगलवार को भी
विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा किया था।
क्या है नीतीश सरकार पर आरोप ?
आरोप है कि बिहार राज्य औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने
औद्योगिक क्षेत्र की भूमि कौड़ियों के भाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और
जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के
रिश्तेदारों को आवंटित कर दी।
आवंटियों में राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री पी. क़े शाही की बेटी, जद
(यु) के जगदीश शर्मा के बेटे, राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन
अमानुल्लाह, वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की
बेटी, भाजपा के पूर्व विधायक अवधेश नारायण सिंह के बेटे, विधान पार्षद अशोक
चौधरी के बेटे सौरभ चौधरी का नाम शामिल है।
बिहार में जमीन आवंटन में कथित धांधली को लेकर बुधवार को विपक्षी दलों ने
विधानसभा में जमकर हंगामा किया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार
स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे
की भी मांग की।
विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई,
विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। विधानसभा में विपक्षी दल केनेता अब्दुल
बारी सिद्दिकी ने कहा कि राज्य की जनता को लगने लगा है कि सरकार रसूखवालों
के लिए कुछ भी कर सकती है। इसलिए पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो
(सीबीआई) से करवाई जानी चाहिए। इससे कम कुछ भी मान्य नहीं होगा।
विपक्ष के पास कोई सुबूत नहीं : मंत्री
सदन के बाहर राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह ने पत्रकारों से
कहा कि विपक्ष के पास इस मामले में कोई सबूत नहीं है। विपक्ष एक भी सबूत
दे तब सीबीआई जांच की बात उठती है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को मुख्य सचिव
अनुप मुखर्जी से पूरे मामले की जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट
मिलने के बाद ही वह इस मामले में कुछ कहेंगे। इसे लेकर मंगलवार को भी
विपक्षी दलों ने सदन में हंगामा किया था।
क्या है नीतीश सरकार पर आरोप ?
आरोप है कि बिहार राज्य औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (बियाडा) ने
औद्योगिक क्षेत्र की भूमि कौड़ियों के भाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और
जनता दल (युनाइटेड) के नेताओं तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के
रिश्तेदारों को आवंटित कर दी।
आवंटियों में राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री पी. क़े शाही की बेटी, जद
(यु) के जगदीश शर्मा के बेटे, राज्य के समाज कल्याण मंत्री परवीन
अमानुल्लाह, वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की
बेटी, भाजपा के पूर्व विधायक अवधेश नारायण सिंह के बेटे, विधान पार्षद अशोक
चौधरी के बेटे सौरभ चौधरी का नाम शामिल है।