तेजी से बदल रहे जमाने में पंजाब के गांवों में रहने वाले लोग तेजी से
बदल रहे हैं। ग्रामीण किसी भी मामले में अन्य राज्यों के शहरियों से कम
नहीं हैं। पंजाब के ग्रामीण बिहार, उड़ीसा, झारखंड व छत्तीसगढ़ के शहरी
लोगों से भी कहीं अधिक खर्च कर रहे हैं।
पंजाब के ग्रामीण इलाकों में शहरियों के मुकाबले सिर्फ 21 फीसदी कम खर्च
कर रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर अंतर का यह आंकड़ा 47 फीसदी है। यह बात
हाल ही में नेशनल सैंपल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) द्वारा 66वें राउंड
सर्वे के बाद जारी की गई रिपोर्ट में सामने आई है। जिसमें जुलाई, 2009 से
जून, 2010 तक की अवधि कवर की गई है।
एनएसएसओ की रिपोर्ट के अनुसार देश में शहरी इलाकों में प्रति व्यक्ति
प्रति महीना 1984.46 रुपये खर्च कर रहा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में
1053.64 रुपये प्रति व्यक्ति खर्च कर रहा है। इस प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग शहरी इलाकों के मुकाबले 47 फीसदी कम खर्च
कर रहे हैं।
पंजाब में शहरी इलाकों में प्रति व्यक्ति प्रति महीना 2108.79 रुपये
खर्च कर रहा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में प्रति व्यक्ति प्रति महीना
1648.92 रुपये खर्च कर रहा है। इस प्रकार ग्रामीण लोग शहरी लोगों के
मुकाबले सिर्फ 21.80 फीसदी कम खर्च कर रहे हैं जो कि अन्य राज्यों के
मुकाबले भी सबसे कम है। महाराष्ट्र में शहरी लोग 2436.75 रुपये प्रति महीना
व ग्रामीण लोग 1152.79 रुपये प्रति महीना खर्च कर रहे हैं जो शहरी इलाके
के मुकाबले 52 फीसदी कम है। उड़ीसा में शहरी लोग 1548.36 रुपये व ग्रामीण
लोग 818.47 रुपये प्रति महीना खर्च करते हैं। उड़ीसा के ग्रामीण लोग शहरी
लोगों के मुकाबले 47.13 फीसदी कम खर्च करते हैं। झारखंड के शहरी लोग
1583.75 रुपये प्रति महीना व ग्रामीण लोग 825.15 रुपये प्रति महीना खर्च
करते हैं जो शहरों के मुकाबले 48 फीसदी कम है। छत्तीसगढ़ के शहरी 1647.32 व
ग्रामीण 783.57 रुपये प्रति महीना खर्च करते हैं जो शहरों के मुकाबले 52
फीसदी कम है। बिहार में शहरी लोग 1237.54 रुपये व ग्रामीण 780.15 रुपये
प्रति महीना खर्च कर रहे हैं, जो शहरों के मुकाबले 37 फीसदी कम है।
उधर, पंजाब के ग्रामीण लोग बिहार के शहरी लोगों से लोगों से 411.38
रुपये, उड़ीसा के शहरी लोगों से 100.56 रुपये, झारखंड के शहरी लोगों से
65.17 रुपये व छत्तीसगढ़ के शहरी लोगों से 16 रुपये प्रति महीना अधिक खर्च
कर रहे हैं।