मेलबर्न। आस्ट्रेलिया की दूध प्रसंस्करण करने वाली कंपनियों की नजर
भारतीय बाजार पर है जहा इस समय सालाना 30 लाख टन दूध की कमी हो रही है।
भारत के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने अनुमान लगाया है कि 2020 के
अंत तक देश में 18 से 20 करोड़ टन दूध की जरूरत होगी। ‘द एज’ में छपी
रिपोर्ट के मुताबिक आस्ट्रेलियाई बड़ी दूध प्रसंस्करण कंपनी फोनटेरा पहले से
ही वहा की संभावनाओं पर नजर रखे हुए है।
नेशनल आस्ट्रेलिया बैंक के आंकड़ों के मुताबिक पिछले दस साल में
आस्ट्रेलिया से भारत को निर्यात किए जाने वाले डेयरी उत्पादों में 70
प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। फोनटेरा भारत को सालाना 20 करोड़ डालर मूल्य के
दूध पाउडर और दूसरे दूध उत्पादों का निर्यात करती है।
हालाकि रिपोर्ट में व्यापार रणनीति मैनेजर जेम्स मैकविट्टी के हवाले से
लिखा गया है कि भारत में बढ़ती मांग का ‘एक छोटा सा हिस्सा’ ही
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पूरा कर पाएंगे। इन दोनों देशों में साल में कुल
मिला कर तीन करोड़ टन दूध का उत्पादन होता है जबकि भारत में उत्पादन 11.2
करोड़ टन है।
भारत में दूध आयात पर 20 से 60 प्रतिशत के बीच कर लगाया जाता है।
मैकविट्टी ने कहा कि भारत में बढ़ रही मांग का अधिकांश हिस्सा वहा के
स्थानीय दूध उत्पादकों द्वारा पूरी की जाएगी।