सरेंगा (बांकुड़ा), एजेंसी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने
माओवादियों से हथियार डालने की अपील करने के बाद बुधवार को जंगल महल के
सबसे तीन जिलों के आदिवासियों को बीपीएल सूची में शामिल करने की घोषणा की।
ममता ने कहा कि जंगल महल के तीन जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और
पुरुलिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। यदि सभी को भोजन मिलेगा, तो
समस्या का समाधान हो जाएगा।
ममता ने मुख्यमंत्री के रूप में माओवाद प्रभावित इलाके के अपने पहले दौरे
के दूसरे दिन बांकुड़ा जिले में एक जनसभा में कहा,मैं जंगल महल में रहने
वाले सभी आदिवासियों को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार घोषित करती
हूं। मैंने मुख्य सचिव को डेढ़ महीने में इसे अमली जामा पहनाने के लिए खाका
तैयार करने को कहा है। ममता ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने जंगलमहल के
विकास को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के
बाद यह फैसला किया था सालाना 42 हजार रुपये से कम आमदनी वाले आदिवासी
परिवार दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल प्राप्त करने के लिए योग्य
होंगे।
माओवादियों से हथियार डालने की अपील करने के बाद बुधवार को जंगल महल के
सबसे तीन जिलों के आदिवासियों को बीपीएल सूची में शामिल करने की घोषणा की।
ममता ने कहा कि जंगल महल के तीन जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और
पुरुलिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। यदि सभी को भोजन मिलेगा, तो
समस्या का समाधान हो जाएगा।
ममता ने मुख्यमंत्री के रूप में माओवाद प्रभावित इलाके के अपने पहले दौरे
के दूसरे दिन बांकुड़ा जिले में एक जनसभा में कहा,मैं जंगल महल में रहने
वाले सभी आदिवासियों को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार घोषित करती
हूं। मैंने मुख्य सचिव को डेढ़ महीने में इसे अमली जामा पहनाने के लिए खाका
तैयार करने को कहा है। ममता ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने जंगलमहल के
विकास को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने के
बाद यह फैसला किया था सालाना 42 हजार रुपये से कम आमदनी वाले आदिवासी
परिवार दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से चावल प्राप्त करने के लिए योग्य
होंगे।