स्टूडेंट 3.57 लाख, किताबें मात्र 2.39 लाख को

रांची. रांची
जिले में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में सत्र शुरू हुए तीन माह बीत गए,
बावजूद स्कूल में नियमित उपस्थित रहने वाले 30 फीसदी से ज्यादा छात्रों को
किताबें नहीं मिली है।




शिक्षा विभाग के आंकड़ों पर गौर करे तो रांची जिले के करीब 2600 प्राथमिक
और मध्य विद्यालयों में 3 लाख 57 हजार विद्यार्थी नामांकित है। जिसमें से 2
लाख 39 हजार 741 छात्रों को ही किताबें मिली हैं। विभाग का तर्क है कि
वैसे छात्र जो लगातार मध्याह्न् भोजन को लाभ उठा रहे है उनकी संख्या जिले
में 2,10,000 हजार है। इसी को आधार मान कर जिले में किताबों के सेट का
वितरण किया गया है।




कक्षा तीन से पांच तक में है किताबों की कमी




जिले के अधिकांश स्कूलों में कक्षा तीन से पांच तक की कक्षा में छात्रों को
किताबें नहीं मिली है। स्कूल के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि उनकी ओर से
छात्र संख्या के आधार पर किताबों की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक शत
प्रतिशत किताबें नहीं मिली है।




डर से नहीं बोलते प्रधानाध्यापक




स्कूलों के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि वे डर से इसकी शिकायत विभाग को
नहीं करते कि अभी तक किताबें क्यों नहीं मिली। अगर कोई प्रधानाध्यापक इसकी
शिकायत करता है तो उनपर कड़ी कार्रवाई होने लगती है। उनके स्कूलों में
लगातार निरीक्षण होने लगता है और स्कूल की खामियां निकाली जाती है। खामियां
निकाल कर स्कूल के प्रधानाध्यापक सहित शिक्षकों का स्थानांतरण दूर दराज के
स्कूलों में कर दिया जाता है।




केस-1




मध्य विद्यालय करमटोली, छात्रों की संख्या : 351, किताबें मिली :154,
विद्यालय के प्रधानाध्यापक एस प्रसाद का कहना है कि विद्यालय में छात्रों
की औसत उपस्थिति 252 से 260 के बीच में रहती है। भी 40 फीसदी से उपस्थिति
के आधार पर 40 फीसदी से ज्यादा छात्रों को किताबें नहीं मिली है।




केस-2




राजकीयकृत मध्य विद्यालय नवीन आरक्षी केंद्र, छात्रों की संख्या 402,
किताबें मिली 230, विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुख्तार सिंह का कहना है कि
कक्षा एक से पांच में 105 किताबें नहीं मिली है। अगर ये मिल जाए तो
उपस्थिति के आधार पर शत प्रतिशत छात्रों को किताबें मिल जाएगी।




केस-3




मध्य विद्यालय मोरहाबादी, छात्रों की संख्या 260, किताबें मिली 218,
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूर्णिमा नाथ ने कहा कि करीब 42 छात्रों को
अभी तक किताबें नहीं मिली है। इनमें अधिकांश छात्र कक्षा तीन से पांच के
है।




अगर किताबेंनहीं मिली हैं तो पता लगाया जाएगा कि क्यों नहीं मिली और इसकी जांच कराई जाएगी। सभी छात्रों को किताबें मिलेगी।"" वैद्यनाथ राम, शिक्षा मंत्री

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