नयी दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एडीएजी समूह के चेयरमैन अनिल
अंबानी और टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा को 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में
आरोपी बनाने के लिए सीबीआई को निर्देश देने का आग्रह करने वाली याचिका को
सुनने से इनकार कर दिया.
याचिका में कॉरपोरेट जगत के लिए लॉबिंग करनेवाली नीरा राडिया तथा द्रमुख
के प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल को भी अभियुक्त बनाने का
आग्रह किया गया था. न्यायमूर्ति अजित भरिहोक ने कहा, यह बकवास याचिका है.
यदि मुझे लगता है कि आपने जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप का प्रयास किया है,
तो आप बड़ी परेशानी में फ़ंस सकते हैं. दिल्ली के पत्रकार एम फ़ुरकान ने
यह याचिका दायर की थी. अदालत ने उनसे कहा, या तो आप याचिका वापस ले लें या
फ़िर अपने जोखिम पर बहस के लिए तैयार रहें. इसके बाद फ़ुरकान ने याचिका
वापस ले ली. न्यायमूर्ति भरिहोक ने अपने आदेश में कहा, इस याचिका को वापस
लिये जाने के रूप में खारिज किया जाता है.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले में कुछ समय देने से इनकार करते
हुए फ़ुरकान के वकील से तुरंत दलील देने को कहा, साथ ही अदालत ने याची को
उच्चतम न्यायालय या किसी अन्य न्यायिक मंच के पास जाने की छूट भी नहीं दी.
इससे पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने याचिका को सुनने से इनकार करते हुए इसे
हल्का बताया था. सीबीआई अदालत ने फ़ुरकान और गाजियाबाद के स्क्रैप डीलर
धर्मेंद्र पांडेय पर शिकायत दर्ज कराने के लिए 10,000-10,000 रुपये का
जुर्माना भी लगाया था.